जम्मू। उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक परियोजना में एक और महत्वपूर्ण सफलता हासिल कर ली गई। जिले के डूगगा व सावलाकोट रेलवे स्टेशन को मिलाने के लिए बनाए जा रहे टनल नंबर 13 के दोनों सिरों को आपस में मिला दिया गया। यह परियोजना की दूसरी सबसे बड़ी टनल है। इस उपलब्धि के बाद वह दिन दूर नहीं जब कन्याकुमारी से कश्मीर तक रेल पहुंचेगी।
महत्वाकांक्षी कटड़ा-बनिहाल रेलवे परियोजना की तीसरी सबसे लंबी सुरंग (टी-13) आरपार हो गई है। रियासी जिले में 9.8 किलोमीटर लंबी इस सुरंग में आखिरी धमाका होते ही इसके दोनों सिरे जुड़ गए। इस उपलब्धि के साथ ही रियासी के डुग्गा और सावलकोट रेलवे स्टेशन भी आपस में जुड़ गए हैं। ये दोनों स्टेशन सुरंग के दोनों सिरों पर हैं। इस रेलखंड में 12.6 किमी की सबसे लंबी सुरंग टी-49बी है।
नॉर्दर्न रेलवे के चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव अफसर (सीएओ) एसपी माही ने अंतिम छोर पर बचे 5 मीटर के हिस्से को विस्फोट कर खोल दिया। यह विस्फोट टनल के बीच लगभग 500 मीटर की दूरी से किया गया। कटड़ा से रामबन जिले के बनिहाल तक बनने वाला यह रेलखंड दरअसल उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना का हिस्सा है।
काजीगुंड से बारामुल्ला 118 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर अक्टूबर 2009 में ट्रेन चलने लगी थी। इसके अलावा 18 किलोमीटर लंबे बनिहाल-काजीगुंड ट्रैक को जून 2013 में जोड़कर यातायात बहाल कर दिया था, वहीं उधमपुर से कटड़ा (रियासी जिला) तक 25 किलोमीटर तक रेल ट्रैक का शुभारंभ जुलाई 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। अब सिर्फ कटड़ा से बनिहाल के बीच (111 किलोमीटर हिस्से में) ही रेल ट्रैक बनना है। इस दुर्गम रेल लिंक का 97.57 किलोमीटर हिस्सा सुरंग से गुजरेगा।
रेलवे सुरंग नंबर 13 का निर्माण रियासी जिले में डुगगा और सावलकोट के बीच की पर्वत श्रृंखला में हुआ है। यह जिले में बन रहीं रेलवे की सभी सुरंगों में सबसे अधिक लंबी है। इसका निर्माण कार्य बेंसार कंस्ट्रक्शन कंपनी ने वर्ष 2017 में शुरू किया था। इसका एक सिरा पी-1 डुग्गा की तरफ है तो दूसरा सिरा पी-2 सावलकोट की तरफ। इस सुरंग के दोनों तरफ रेलवे स्टेशन होंगे। मुख्य सुरंग की लंबाई 9.8 किलोमीटर है।(फ़ाइल चित्र)