Train journey from Kashmir to Kanyakumari : यह सिर्फ कश्मीर (Kashmir) के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि देश-दुनिया के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है कि अब कश्मीर (Kashmir) तक रेल पहुंचने में मात्र 17 किलोमीटर ही दूर है, क्योंकि रेलवे (railway) ने इस 272 किमी लंबी परियोजना में से 255 किमी रेलवे ट्रैक को तैयार कर लिया है जबकि इनमें से 161 किमी रेलवे लाइन पर पहले ही ट्रेन को दौड़ाया जा चुका है।
रेलवे सूत्रों के अनुसार अब बाकी के करीब 94 किमी रेलवे ट्रैक का ट्रॉयल कर लिया गया है जिसमें 2 दिन पहले ही संगलदान 8 तक के 46 किमी के रेलवे ट्रैक का ट्रॉयल किया गया जबकि कुछ माह पहले 48.1 किमी लंबे बनिहाल-संगलदान रेलवे ट्रैक का निरीक्षण व सफल ट्रॉयल किया जा चुका है।
रेलवे ट्रैक का फाइनल ट्रॉयल 27 व 28 जून को : अब संगलदान 8 तक के 46 किलोमीटर के इस रेलवे ट्रैक का फाइनल ट्रॉयल रेलवे के सेफ्टी कमिश्नर डीसी देशवाल 27 व 28 जून को करेंगे। अगर उन्होंने इस ट्रैक को सही करार दिया तो फिर मात्र रसी व कटरा के बीच का जो 17 किलोमीटर का रेलवे ट्रैक है उसी पर काम बाकी रह जाएगा।
सितंबर 2024 तक काम पूरा होगा : अगर रेलवे सूत्र सूत्रों की मानें तो इस 17 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक पर भी कोई बड़ा काम बाकी नहीं है। रेलवे अधिकारी कहते थे कि कुछ तकनीकी काम ही बाकी हैं, जो कि सितंबर 2024 तक पूरे हो जाएंगे। इसके बाद इस ट्रैक का भी निरीक्षण व ट्रॉयल करने के बाद इस पर ट्रेन चलाई जा सकेगी यानी अब कुछ माह का इंतजार ही शेष है और देश से सीधी रेलवे सेवा कश्मीर घाटी के लिए शुरू की जाएगी।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेल सेवा प्रदान करने का लक्ष्य : रेलवे सूत्रों के अनुसार इस साल के अंत तक कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेल सेवा प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित है, क्योंकि ये रेलवे का ड्रीम प्रोजेक्ट है। आपको बता दें कि अभी तक जिन रेलवे स्टेशनों तक रेल नहीं पहुंच पाई है, वो संगलदान 8 से बनिहाल तक के कुल 8 रेलवे स्टेशन हैं लेकिन इन रेलवे स्टेशन के आसपास रहने वाले लोगों ने ट्रेन का सफल ट्रॉयल जरूर देख लिया है।
लोगों को यात्री ट्रेन के आने का इंतजार : अब इन लोगों को यात्री ट्रेन के आने का इंतजार है। ऐसा इंतजार करने वाले रेलवे स्टेशनों में रसी, बक्कल, कोड़ी, डूंगा, सावलाकोट, संगलदान, खाड़ी, सुंबर और शाहाबाद के रेलवे स्टेशन शामिल हैं। अधिकारी कहते थे कि अब इन रेलवे स्टेशनों से जल्द ही लोगों को रेल सुविधा मिलेगी और कश्मीर घाटी से सीधी नई दिल्ली तक का ट्रेन का सफर करने का आनंद पर्यटकों के साथ स्थानीय लोग भी उठा सकेंगे।
एफिल टॉवर से भी ऊंचा पुल : दरअसल, यह दुनिया का सबसे दुर्गम रेलवे ट्रैक है, जो कि रोमांच व सौंदर्य से पूरी तरह से भरा हुआ है। सभी को अब इंतजार है तो उस दिन का जिस दिन वे इस रेलवे ट्रैक पर सफर कर हसीं वादियों में खो जाएंगे और एफिल टॉवर से ऊंचे पुल से आती हवा के झोंकों को महसूस करेंगे।