जम्मू। समुद्र तल से करीब 8,500 फुट की ऊंचाई पर एलओसी पर स्थित गुरेज इलाके के युवाओं ने अपने इलाके की अनदेखी और विंटर स्पोर्ट्स आयोजित करवाने की खातिर अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने के लिए एक बार फिर बर्फ के बीच कई क्रिकेट टूर्नामेंटों का आयोजन कर पूरे विश्व का तो ध्यान अपनी ओर खींच लिया, पर अभी तक प्रदेश प्रशासन का ध्यान उनकी ओर नहीं गया है।
गौरतलब है कि गुरेज घाटी में स्नो क्रिकेट ने पिछले साल दुनियाभर में ध्यान आकर्षित किया था, जब ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज मारनस लेबुस्चगने ने अपने ट्विटर हैंडल पर 'हाऊ गुड इज दैट' टिप्पणी के साथ युवाओं के बर्फ पर क्रिकेट खेलने का एक वीडियो फिर से साझा किया था।
गुरेज घाटी में डावर क्षेत्र के निवासियों ने इस सर्दी में भी बर्फ से ढंके पहाड़ों से घिरे बर्फ से ढंके मैदान पर एक स्नो क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया। एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता अर्शीद अहमद ने बताया कि गुरेज में शीतकालीन खेलों का केंद्र बनने की क्षमता है, फिर भी इसका उपयोग करने के लिए सरकार की ओर से बहुत कम सहायता मिली है।
उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र लगभग 6 महीने तक बर्फ से ढंका रहता है जिससे यहां शीतकालीन खेलों के आयोजन का अद्भुत अवसर मिलता है। गुरेज के एक अन्य सामाजिक कार्यकर्ता इरशाद समून ने बताया कि गुरेज में शीतकालीन खेलों के आयोजन के लिए बुनियादी ढांचे की कमी है, लेकिन लोगों और उच्च अधिकारियों को आकर्षित करने के लिए गुरेज के युवा वर्षों से स्नो क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गुरेज में शीतकालीन खेलों की संभावना उत्साहजनक और संभव है और सरकार को गुरेज में इस पहलू का पता लगाने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए, जो घाटी में अधिक पर्यटकों को आकर्षित करेगा। बांडीपोरा के उपायुक्त डॉ. ओवैस अहमद ने बताया कि चूंकि राजदान दर्रे पर बर्फ के जमा होने के कारण गुरेज की एकमात्र सड़क कट जाती है इसलिए हेलीकॉप्टर सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है ताकि आगंतुक सर्दियों में भी गुरेज घाटी में जा सकें।
उन्होंने कहा कि गुरेज के साथ-साथ पूरे जिले में पर्यटन को बढ़ावा देना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है और गुरेज को वैश्विक स्तर पर शीर्ष पर्यटन स्थल बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। उनका दावा था कि स्नो स्कीइंग के लिए उपकरण गुरेज को भेज दिए गए हैं और हम इस साल गुरेज में शीतकालीन खेलों के लिए अन्य संभावित कदमों पर काम कर रहे हैं।
साथ की फोटो को देखें तो चारों तरफ 3 से 5 फीट की बर्फ के बीच क्रिकेट तो क्या, आम आदमी चलना भी नहीं सोच सकता, पर पाकिस्तान से सटी एलओसी के गुरेज इलाके के मरकूट, अछूरा और बगटोर गांवों के युवाओं ने मिलकर ऐसा कारनामा कर दिखाया है। हालांकि ऐसा करने के पीछे उनका मकसद ध्यान आकर्षित करने के अतिरिक्त रोष प्रकट करना भी था।
दरअसल, इन गांवों के नागरिकों का मानना था कि अगर पूरी वादी में विंटर स्पोर्ट्स आयोजित किए जा सकते हैं तो गुरेज घाटी में क्यों नहीं? क्षेत्र के एक स्थानीय सरपंच मुस्तफा लोन का कहना था कि गुरेज में साल में करीब 6 से 8 महीनों तक बर्फ जमी रहती है और ये इलाके विंटर स्पोर्ट्स के लिए बहुत ही बढ़िया माने जाते हैं।
पर इस घाटी के लोगों की बदकिस्मती यह है कि पिछले कई साल से वे विंटर स्पोर्ट्स करवाने की खातिर रोष प्रकट करने और अधिकारियों का ध्यान इस इलाके की ओर खींचने की खातिर कई बार क्रिकेट टूर्नामेंटों का आयोजन कर चुके हैं, पर अधिकारियों के कानों पर फिलहाल जूं तक नहीं रेंग पाई है।