भारत की 10 सबसे विशालकाय हनुमान प्रतिमाएं

अनिरुद्ध जोशी
मंगलवार, 3 मार्च 2020 (12:24 IST)
दुनियाभर में हनुमानजी की कई प्रतिमाएं हैं। भारत में भी हनुमानजी की असंख्य विशालकाय प्रतिमाएं हैं। ऊंची से ऊंची हनुमान प्रतिमा बनाने के तो हर 3 वर्षों में रिकॉर्ड टूट जाते हैं। कम से कम 101 फीट से शुरू होने वाली मूर्तियां तो देशभर में अब असंख्य हो चली हैं। जानिए हनुमानजी की 10 सबसे विशालकाय प्रतिमा कहां पर है।
 
 
1. रामतीर्थ मंदिर के हनुमान : यह विशालकाय मूर्ति पंजाब के अमृतसर के रामतीर्थ मंदिर में स्थापित है। इस मूर्ति की ऊंचाई 24.5 मीटर अर्थात 80 फीट है। यह मूर्ति अमृतसर से मात्र 12 किलोमीटर की दूरी पर रामतीर्थ मंदिर वाल्मीकि परिसर में स्थित है। माना जाता है कि यहां वाल्मीकिजी का आश्रम था, जहां सीताजी रुकी थीं और यहीं पर लव और कुश का जन्म हुआ था। यहीं पर रामतीर्थ सरोवर भी है।
 
 
2. छिंदवाड़ा के हनुमान : मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के सिमरियाकलां में हनुमानजी की प्रतिमा 101 फीट ऊंची है।
 
 
3. नंदुरा गांव हनुमानजी : महाराष्ट्र के नंदुरा में हनुमानजी की विशालकाय मूर्ति की लंबाई 32 मीटर है। हालांकि बताया जाता है कि यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मूर्ति है जिसकी लंबाई 105 फीट है। हनुमानजी की गदा ही 30 फीट लंबी है। उनका सीना लगभग 70 फीट चौड़ा है। नंदुरा महाराष्ट्र का एक छोटा-सा कस्बा है, जो बुलढाणा जिले में आता है। प्रसिद्ध तीर्थस्थान शेगांव से 50 किलोमीटर दूर है नंदुरा गांव। नंदुरा शेगांव से जलगांव की ओर जाते समय खामगांव से कुछ किलोमीटर आगे आता है। मूर्ति दर्शन हेतु गांव में अंदर जाने की आवश्यकता नहीं है। हाईवे पर ही सड़क किनारे मूर्ति स्थापित है। शेगांव में रेलवे स्टेशन है। मध्य रेल्वे का यह रेलवे स्टेशन मुंबई-कोलकाता रेलमार्ग से जुड़ा हुआ है।
 
 
4. करोलबाग के हनुमान : दिल्ली के करोलबाग में, जहां के हनुमानजी की मूर्ति के बारे में देशभर के लोग जानते हैं। करोलबाग मेट्रो स्टेशन के पास बनी हनुमानजी की 108 फुट की यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वचालित प्रतिमा है। हनुमानजी की छाती में उनके हाथों के पीछे श्रीराम-सीता विराजमान हैं।

 
बताया जाता है कि अरसे पहले एक संत नागबाबा सेवागिरिजी यहां आए थे। प्रभु श्रीराम के आदेशानुसार ही उन्होंने हनुमानजी की प्रतिमा और मंदिर का निर्माण 1994 से आरंभ करवाया, जो लगातार 13 वर्षों तक चलता रहा और 2 अप्रैल 2007 को संपन्न हुआ। मंगलवार व शनिवार को प्रातः 8.15 बजे और सायं 8.15 बजे इसी मूर्ति को देखने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ता है।

 
5. जाखू हनुमान मंदिर : हिमाचल के शिमला में हनुमानजी की विशालकाय मूर्ति है जिसकी ऊंचाई 33 मीटर है। इसे एशिया की सबसे ऊंची मूर्ति माना जाता है जिसकी ऊंचाई 108 फुट है। शिमला के जाखू मंदिर में इस मूर्ति की स्थापना की गई। यह मूर्ति 2,296 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। साढ़े 8 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थापित यह मूर्ति अपने आप में एक इतिहास है। मूर्ति की स्थापना नवंबर 2010 में एचसी नंदा न्यास की तरफ से की गई है। मूर्ति के लोकार्पण के समय अभिषेक बच्चन और उनकी बहन श्वेता बच्चन नंदा भी शामिल हुए थे।

 
कहते हैं कि हिमाचल प्रदेश के सोलन जिल के सुल्तानपुर स्थित लाडो गांव में मानव भारती यूनिवर्सिटी के परिसर में हनुमानजी की सबसे ऊंची मूर्ति स्थापित है जिसकी ऊंचाई 151 फुट है और वजन करीब 2000 टन बताया जाता है।
6. वीरा अभया अंजनया हनुमान स्वामी : हनुमानजी की सबसे विशालकाय मूर्ति आंध्रप्रदेश में है जिसे वीरा अभया अंजनया हनुमान स्वामी कहा जाता है। इसकी ऊंचाई 41 मीटर है। यह मूर्ति 135 फीट ऊंची है। आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा के पास परितला में इस मूर्ति की स्थापना 2003 में की गई थी। यह मूर्ति ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में स्थापित क्राइस्ट की मूर्ति से भी बड़ी है।

 
7. विजयवाड़ा के हनुमान : आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एक हनुमान जी की विशालकाय प्रतिमा है। यह प्रतिमा वियवाड़ा के परिटाला शहर में स्थित है। यह मूर्ति विश्व की सबसे बड़ी और भारत की सबसे ऊंची प्रतिमा मानी जाती है। इस मूर्ति की ऊंचाई करीब 135 फीट है।

 
8. इंदौर के पितेृश्वर हनुमान : इंदौर के पितृ पर्वत पर स्थापित पितेृश्वर हनुमानजी की मूर्ति का वजन 108 टन और ऊंचाई 71 फुट है। इस प्रतिमा का निर्माण सोना, चांदी, प्लेटिनम, पारा, एंटीमनी, जस्ता, सीसा और रांगा अर्थात अष्टधातु से किया जा रहा है जिसे अभिषेक की दृष्टि से सर्वोत्तम माना जाता है। इस मूर्ति का निर्माण गालव ऋषि की भूमि (ग्वालियर) में किया गया और फिर इसे कई भागों में यहां लाकर स्थापित किया गया। इस हनुमानजी के उपर जो छत्र है वह 18 फुट गोल है और हनुमानजी की गदा 45 फुट लंबी है। मूर्ति के सामने पंच धातु से निर्मित 9 बाइ 19 ‍फुट की रामायण स्थापित की गई है। इसकी स्थापना के लिए 121 बाइ 121 फुट का चबुतरा बनाया गया है जो भूमि से 14 फुट ऊंचा है। इस मूर्ति की खासियत यह है कि यह भारत की पहली विशालकाय विराजमान मूर्ति है, जबकि सभी मूर्तियां खड़े हुनमानजी की है। यह दुनिया की सबसे बड़ी धातु की प्रतिमा है।

 
9. आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के नरसन्नापेटा मंडल में विराजित हनुमान मूर्ति की ऊंचाई 175 फुट से भी ऊंची बताई जाती है। इससे भी बड़ी प्रतिमा का राजस्थान के सिरोही जिले के माधव विश्वविद्यालय परिसर में निर्माण चल रहा है जिसकी ऊंचाई 221 फुट होने का दावा किया जाता है।

 
10. त्रिवेणी हनुमान मंदिर : फरीदाबाद-गुड़गांव रोड स्थित त्रिवेणी हनुमान मंदिर में 108 फुट ऊंची प्रतिमा है।

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