Hanuman janmotsav 2023 : हनुमानजी का जन्म उत्सव कैसे मनाएं?

बुधवार, 5 अप्रैल 2023 (12:46 IST)
Hanuman jayanti 2023 : 6 अप्रैल 2023 गुरुवार को हनुमानजी का जन्मोत्सव मानया जा रहा है। श्रीराम और हनुमान भक्तों के लिए यह दिन बहुत ही खास होता है। आओ जानते हैं कि इस दिन हनुमानजी का जन्म उत्सव हम कैसे मनाएं। कैसे पूजा करें, पूजा के क्या नियम है और कौनसी सावधानियां हमें रखना चाहिए।
 
6 अप्रैल 2023 को हनुमान पूजा के शुभ मुहूर्त- Hanuman puja Ke Shubha Muhurt :-
 
ब्रह्म मुहूर्त : प्रात: 04:56 से 05:42 तक।
अमृत काल : प्रात: 06:22 से 08:03 तक।
अभिजित मुहूर्त : दोपहर 12:16 से 01:06 तक।
विजय मुहूर्त  : दोपहर 02:45 से 03:35 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:52 से 07:16 तक।
निशिता मुहूर्त : रात्रि 12:18 से 01:04 बजे तक।
हनुमान पूजा की विधि- Hanuman puja ki vidhi :-
 
- प्रात:काल स्नान-ध्यान से निवृत हो व्रत का संकल्प लें और पूजा की तैयारी करें।
 
- हनुमानजी की मूर्ति या चि‍त्र को लाल या पीला कपड़ा बिछाकर लकड़ी के पाट पर रखें और आप खुद कुश के आसन पर बैठें।
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- मूर्ति को स्नान कराएं और यदि चित्र है तो उसे अच्छे से साफ करें।
 
- इसके बाद धूप, दीप प्रज्वलित करके पूजा प्रारंभ करें। हनुमानजी को घी का दीपक जलाएं।
 
- हनुमानजी को अनामिका अंगुली से तिलक लगाएं, सिंदूर अर्पित करें, गंध, चंदन आदि लगाएं और फिर उन्हें हार और फूल चढ़ाएं।
 
- यदि मूर्ति का अभिषेक करना चाहते हैं तो कच्चा दूध, दही, घी और शहद यानी पंचामृत से उनका अभिषेक करें, फिर पूजा करें।
 
- अच्छे से पंचोपचार पूजा करने के बाद उन्हें नैवेद्य अर्पित करें। नमक, मिर्च और तेल का प्रयोग नैवेद्य में नहीं किया जाता है।
 
- गुड़-चने का प्रसाद जरूर ‍अर्पित करें। इसके आलावा केसरिया बूंदी के लड्डू, बेसन के लड्डू, चूरमा, मालपुआ या मलाई मिश्री का भोग लगाएं।
 
- यदि कोई मनोकामना है तो उन्हें पान का बीड़ा अर्पित करके अपनी मनोकामना बोलें।
 
- अंत में हनुमानजी की आरती उतारें और उनकी आरती करें। 
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- उनकी आरती करके नैवेद्य को पुन: उन्हें अर्पित करें और अंत में उसे प्रसाद रूप में सभी को बांट दें।
 
- इस अवसार पर हनुमाजी की शोभा यात्रा भी निकाली जाती है।
 
- इस अवसर पर लोग एक दूसरे को बधाईयां देते हैं और बेसन के लड्डू, हलुआ और गुड़ की रेवड़ी देते हैं।
हनुमान पूजा के नियम (Rules of Hanuman Chalisa Paath):
 
1. हनुमान पूजा में शुद्धता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पूजा स्थल की साफ सफाई अच्‍छे से कर लें।
 
2. हनुमान पूजा एक पवित्र जगह पर बैठकर ही करना चाहिए। खासकर या तो आपके घर के पूजास्थल पर, मंदिर में, तीर्थ क्षेत्र में या पहले से नियुक्त साफ सफाई करके पवित्र की गई जगह पर।
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3. हनुमान पूजा को विशेष मुहूर्त में ही करें या सुबह और शाम को ही करें।
 
4. हनुमान पूजा- पाठ के दौरान उपयोग किए गए फूल लाल रंग के रखें।
 
5. हनुमान पूजा के पहले दीप प्रज्वलित जरूर करना चाहिए। दीपक में जो बाती लगाई जा रही है वह भी लाल सूत (धागे) की होनी चाहिए। किसी भी स्थल पर पूजा करने के पूर्व दीप जरूर प्रज्वलित करें। हनुमान पूजा के दौरान जो दीपक जला रहे हों उसमें चमेली का तेल या शुद्ध घी होना चाहिए।
 
6. हनुमानजी पूजा के बाद आरती करें और फिर उन्हें गुड़ और चने का प्रसाद जरूर ‍अर्पित करें। इसके आलावा चाहें तो केसरिया बूंदी के लड्डू, बेसन के लड्डू, चूरमा, मालपुआ या मलाई मिश्री का भोग लगाएं।
 
7. हनुमानजी पूजा के दौरान सिर्फ एक वस्त्र पहनकर ही पूजा करें।
 
9. हनुमान मूर्ति या चित्र को लकड़ी के पाठ पर लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करें और खुद कुश के आसन पर बैठकर ही पूजा करें।
हनुमान पूजा की 10 सावधानियां- (10 Precautions Of Hanuman Puja) :
 
1. जिस दिन पूजा करना हो उसके एक दिन पूर्व से ही मांस, मदिरा आदि का सेवन करना छोड़ दें।
 
2. जिस दिन पूजा करना हो उसके एक दिन पूर्व से ही ब्रह्मचर्य का पालन करना प्रारंभ करें और मन में किसी भी प्रकार का कामुक विचार न रखें।
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3. हनुमान पूजा के बीच में किसी भी प्रकार का व्यवधान उत्सपन्न न हो इसका ध्यान रखें।
 
4. यदि घर में सूतककाल चल रहा है तो पूजा न करें।
5. हनुमान पूजा में तुलसी, चरणामृत या पंचामृत का उपयोग नहीं करें।
 
6. महिलाएं हनुमानजी को वस्त्र, जनेऊ या चोला अर्पित न करें।
 
7. महिलाओं को महावारी के दौरान पूजा से दूर रहना चाहिए।
 
8. हनुमानजी की किसी भी प्रकार से तांत्रिक पूजा नहीं की जानी चाहिए।
 
9. हनुमानजी का व्रत रख रहे हैं तो नमक, मिर्च और अनाज के सेवन से बचें।
 
10. हनुमानजी को अर्पित किए गए भोग या प्रसाद शुद्ध घी में बने हुए होना चाहिए।

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