Bada mangal 2024: बुढ़वा या बड़ा मंगल की पौराणिक कथा

WD Feature Desk
गुरुवार, 30 मई 2024 (17:20 IST)
Bada mangal 2024: ज्येष्‍ठ माह के मंगलवार को बड़ा मंगल और बुढ़वा मंगल कहते हैं। आखिर इसे बड़ा मंगल क्यों माना जाता है? दक्षिण भारत की मान्यता के अनुसार इन में से किसी एक मंगलवार को प्रभु श्रीराम और हनुमानजी का मिलन हुआ था और एक को हनुमानजी का जन्म। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से जीवन की सभी दुख-तकलीफें दूर हो जाती हैं। आओ जानते हैं इस संबंध में पौराणिक कथा।
ALSO READ: Bada mangal 2024: ज्येष्ठ माह का बड़ा मंगल आज, जानें हनुमानजी को चोला चढ़ाने का महत्व
1. महाभारत काल में एक बार भीम श्वेत कमल की तलाश में गंधमादन पर्वत पर चले गए वहां उन्होंने एक बुढ़े वानर को रास्ते में लेटे हुए देखा और उससे अपनी पूंछ हटाने के लिए कहा। हनुमानजी ने कहा कि यदि तुम ताकतवर हो तो तुम्हीं हटा लो। भीम ने अपनी पूरी शक्ति से पूंछ हटाने का प्रयास किया लेकिन नहीं हटा पाया। भीम का घमंड चूर चूर हो गया। जब यह घटना घटी थी तब मंगलवार था। इसीलिए इस मंगलवार को बुढ़वा मंगल कहा जाता है।
ALSO READ: Budhwa mangal 4 june 2024: 4 जून को है ज्येष्ठ माह का दूसरा बड़ा मंगल, जानें क्या है इसका महत्व
2. दूसरी कथा के अनुसार सीताजी की खोज करते हुए भगवान श्री राम जी से हनुमान जी का मिलन विप्र (पुरोहित) के रूप में इसी दिन हुआ था। इसलिए ज्येष्ठ मास के मंगलवार को बुढ़वा मंगल या बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है।
 
3. एक अन्य कथा के अनुसार एक बार रावण ने हनुमानजी की पूंछ में आग लगवा दी थी। तब हनुमानजी के अपना विकराल रूप धारण किया और रावण की लंका जलाने के लिए अपनी पूंछ में बड़वानल (अग्रि) पैदा की थी। जिससे इस भाद्रपद माह के आखिरी मंगलवार को बुढ़वा मंगल नाम मिला।
क्यों कहते हैं बड़ा मंगलवार : ज्येष्ठ मास के इस मंगलवार को हनुमान जी को अमरत्व का वरदान मिला था, इसी कारण ज्येष्ठ के मंगल को बड़ा मंगल और बूढ़वा मंगल कहते हैं। उत्तरप्रदेश में ज्येष्ठ मास में आने वाले हर मंगलवार को बहुत ही शुभ माना जाता है उनमें भी पहले आने वाले मंगलवार को विशेष मान कर पूजा-अर्चना की जाती है। वैसे तो पूरे ज्येष्ठ मास में हनुमान मंदिर सजे रहते हैं और हर मंगलवार को जगह-जगह पर भंडारे लगते हैं पर बड़ा मंगलवार की बात खास है। यह दिन केवल एक ही धर्म का परिचायक नहीं है बल्कि सर्वधर्म एकता का प्रतीक है।
ALSO READ: Bada Mangal 2024 : जानें कब-कब रहेगा बड़ा मंगल, कर लिया इस दिन व्रत तो भाग्य बदल जाएगा
इतिहास : कुछ लोगों के अनुसार बड़ा मंगलवार की शुरुआत करीब 400 साल पहले अवध के नवाब ने की थी। नवाब मोहम्मद अली शाह का बेटा एक बार गंभीर रूप से बीमार हो गया। उनकी बेगम रूबिया ने कई जगह उसका इलाज करवाया, लेकिन वह ठीक नहीं हुआ। लोगों ने उन्हें बेटे की सलामती के लिए लखनऊ के अलीगंज स्थित पुराने हनुमान मंदिर में मन्नत मांगने को कहा। यहां मन्नत मांगने पर नवाब का बेटा स्वस्थ हो गया। 
 
इसके बाद नवाब की बेगम रूबिया ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। वहीं नवाब ने ज्येष्ठ की भीषण गर्मी के दिनों में प्रत्येक मंगलवार को पूरे शहर में जगह-जगह गुड़ और पानी का वितरण करवाया और तभी से इस परंपरा की शुरुआत हुई। 
 

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख