Telangana Andhra Pradesh Hanuman Jayanti: भारत में अधिकतर जगहों पर चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती मनाते हैं। इस मान से 12 अप्रैल 2025 शनिवार को हनुमान जयंती रहेगी। हालांकि तमिलनाडु में मार्गशीर्ष अमावस्या के दौरान यानी ग्रेगोरियन कैलेण्डर में नवरी या दिसम्बर माह में हनुमथ जयंती मनाते हैं। कर्णाटक में मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को यह जयंती मनाते हैं जिसे हनुमान व्रतम के नाम से जाना जाता है।ALSO READ: 1000 बार हनुमान चालीसा पढ़ने से क्या होगा?
आन्ध्र प्रदेश तथा तेलंगाना में 41 दिनों तक हनुमान जयन्ती मनायी जाती है। यह महापर्व चैत्र पूर्णिमा से प्रारम्भ होकर वैशाख माह में कृष्ण पक्ष के दौरान दशमी को समाप्त होता है। आन्ध्र प्रदेश में भक्त चैत्र पूर्णिमा पर 41 दिनों की दीक्षा आरम्भ करते हैं तथा हनुमान जयन्ती के दिन इसका समापन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था। हनुमान जयन्ती के दिन मन्दिरों में प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में आध्यात्मिक प्रवचनों का आयोजन किया जाता है और यह आयोजन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाते हैं।
Telugu Hanuman Jayanthi 2023 : उत्तर भारत में हनुमान जयंती की तिथि अलग है और दक्षिण भारत में अलग। कुछ राज्यों में अलग अलग मान्यता के अनुसार अलग अलग तिथियों को बजरंगबली जी की जयंती मनाई जाती है। तेलुगु हनुमान जयंती भी प्रचलित मान्यता से अगल तिथि या दिनांक के दिन होती है। इस बार तेलुगु हनुमान जन्मोत्सव 14 मई को मनाई जाएगी।ALSO READ: इस बार हनुमान जयंती पर बन रहे हैं शुभ संयोग, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त
तेलुगु हनुमान जयंती अलग क्यों मनाई जाती है | Why is Telugu Hanuman Jayanti celebrated separately?
दरअसल, आंध्र, तेलंगाना या तेलुगु में हनुमान जन्म उत्सव चैत्र माह की पूर्णिमा से ज्येष्ठ माह की दशमी तक चलता है। दशमी को हनुमान जयंती मनाते हैं।
यहां पर भक्त चैत्र पूर्णिमा पर 41 दिनों की दीक्षा शुरू करते हैं और हनुमान जयंती के दिन इसका समापन करते हैं।
हालांकि यह भी कहते हैं कि आंध्र, तेलंगाना या तेलुगु जैसे दक्षिणी क्षेत्रों में, हनुमान जयंती उस दिन के उपलक्ष्य में मनाई जाती है जब भगवान हनुमानजी भगवान राम से मिले थे।ALSO READ: जय श्री हनुमान चालीसा | Shree Hanuman Chalisa Hindi
कैसे करते हैं हनुमान उपासना | How to worship Hanuman?
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भक्त लोग 41 दिन का उपवास रखते हैं जो हनुमान जयंती पर समाप्त होता है।
इस 41 दिनों के लंबे उपवास की अवधि में, भक्त धूम्रपान से परहेज करते हैं और शराब और मांस का सेवन नहीं करते हैं।
सभी तेलुगु उपासक पूरे व्रत काल में एक विशेष हनुमान दीक्षा माला और नारंगी धोती पहनते हैं। व्रत के दौरान नंगे पैर भी चलते हैं।
भक्त प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं और भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए बंदरों को भोजन कराते हैं।
यह भी देखा जाता है कि लोग राम स्तोत्र का जाप करते हुए घी का दीया जलाते हैं।
हनुमानजी की पूजा की रस्म में मूर्ति के शरीर पर सिंदूर और तेल लगाना भी शामिल है।
भक्त गुलाब और गेंदा जैसे फूल चढ़ाते हैं। विभिन्न खाद्य पदार्थ जैसे लड्डू, हलवा, केला और अन्य मीठे पदार्थ भी मूर्ति को चढ़ाए जाते हैं।