भाजपा से बगावत कर चुनाव मैदान में उतरे निर्दलीय राय ने मुख्यमंत्री दास को 15 हजार से अधिक मतों के अंतर से पराजित किया है। राय को 73 हजार से अधिक मत मिले हैं जबकि दास करीब 58 हजार वोट ही हासिल कर सके। कांग्रेस के गौरव वल्लभ करीब 19 हजार मत के साथ तीसरे और झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) के अभय सिंह 11 हजार से अधिक मतों के साथ चौथे स्थान पर रहे।
गौरतलब है कि वर्ष 1995 में जमशेदपुर (पूर्वी) से पहली बार विधानसभा पहुंचे दास लगातार इसी सीट से चुनाव जीतकर राज्य के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे। अलग झारखंड राज्य का गठन होने के बाद बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में बनी भाजपा की सरकार में 15 नवंबर 2000 से 17 मार्च 2003 तक श्रम नियोजन मंत्री रहे। इसके बाद मार्च 2003 से 14 जुलाई 2004 तक भवन निर्माण मंत्री और 12 मार्च 2005 से 14 सितंबर 2006 तक वित्त, वाणिज्य एवं नगर विकास मंत्री रहे।
दास ने 30 दिसंबर 2009 से 30 मई 2010 तक उपमुख्यमंत्री और 28 दिसंबर 2014 से अभी तक झारखंड के मुख्यमंत्री की जिम्मेवारी संभाली। पिछले विधानसभा चुनाव में दास जमशेदपुर पूर्वी सीट से 70,157 वोटों के अंतर से जीते थे।
रघुवर दास सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रहे सरयू राय ने अकेले दम पर नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता, मुख्यमंत्री की कद्दावर शख्सियत और महागठबंधन को मात दी। मुख्यमंत्री रघुवर दास की जीत पक्की करने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जमशेदपुर पहुंचे और उनके समर्थन में रैली की। राय के लिए जमशेदपुर पूर्वी सीट नई थी। उन्होंने वर्ष 2014 में जमशेदपुर पश्चिम से लगभग 10517 हजार वोटों से जीत हासिल की थी।