मेष : यश-सम्मान मिलेगा मेष राशि वाले जातकों को यह वर्ष यश, सम्मान, कीर्ति, लाभ, उत्साह एवं नए कार्य का शुभारंभ करने वाला रहेगा। मेष राशि का स्वामी मंगल है। वर्ष के प्रारंभ में गुरु लाभ घर में विराजमान है। भौतिक सुख के साथ उपहार प्राप्ति तथा सामान्य चिंता, संघर्ष के बाद दूर होगी। वर्ष के अंतिम चार माह में तीर्थयात्रा निर्विघ्न होने के योग बनते हैं। वर्षारंभ में कठिनाई आएगी। इस वर्ष अविवाहितों के विवाह योग बनते हैं।
नि:संतान दंपति को संतान की प्राप्ति होगी एवं सुखी यशस्वी बनेंगे। अच्छे सद्गुणों की वृद्धि पिछले वर्ष जो हानि हुई इस वर्ष पूर्ति करने का अवसर मिलेगा। धनागमन होगा। शुभ कर्म के प्रति उदासीनता तथा अशुभ कर्म के प्रति रुचि बढ़ेगी। सावधानी रखें। धर्म के कार्यों में विघ्न बाधा होगी। पुराने न्यायिक प्रकरण में विजय प्राप्त होगी। रुके हुए पैसे मिलेंगे। माता-पिता को सुख मिलेगा। मई से गुरु के 12वें भाव में आने से अति व्यय, भ्रमण, व्यर्थ का भटकाव होगा। अपयश एवं अपमान की स्थिति बनेगी। विद्यार्थियों के लिए वर्ष अच्छा रहेगा। व्यापारियों के लिए लाभप्रद रहेगा।
कर्मचारियों की उन्नति होगी। इस वर्ष राहु आराध्य है। श्वास एवं डायबिटीज कष्ट जून से नवंबर के बीच उभर सकता है। मई-जून में गले संबंधी कष्ट हो सकता है। सावधानी रखें। गणेश जी या भगवती की पूजा आराधना करना श्रेष्ठ होगा। गुरु के जाप श्रेष्ठ रहेंगे।
ND
वृषभ : अनायास कष्ट से बचें वृषभ राशि का स्वामी शुक्र है। वृषभ राशि वालों के लिए यह वर्ष उन्नति, यश सफलता का रहेगा। माता-पिता के लिए भी शुभ रहेगा। गुरु का भ्रमण वर्षारंभ में दशम भाव में है। मई से एकादश भाव में रहेगा। कुछ व्यय की अधिकता एवं अनायास कष्ट- घटना से बचना होगा। अच्छे मित्रों का सहयोग उन्नति में साथ देगा। अच्छे कार्यों के प्रति रुझान बढ़ेगा। संतान की चिंता के साथ पति-पत्नी के बीच छोटी बातों को लेकर कलह का सामना करना पड़ेगा। कुछ घटनाओं से आहत, राज्य से सम्मान, वाहन से दुर्घटना योग अत: यात्रा में सावधानी बरतें। विपरीत बुद्धि पर तर्क बुद्धि वाणी से संयम रखना पड़ेगा। सत्ता पक्ष एवं अधिकारी वर्ग के लिए वर्ष शुभ रहेगा। लाभ के लिए क्षमता से अधिक करने की लालसा बढ़ेगी। अति संघर्ष से सफलता मिलेगी। रिश्तेदारी में नुकसान मई से गुरु 12वें भाव में जाने से लाभ मिलेगा।
घर में भाई-बंधु, मित्रों से लाभ मिलेगा। लक्ष्य लेकर पढ़ाई से सफलता प्राप्त होगी। गुरु के कारण यह स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्तम रहेगा। उत्तर, रक्त पित्त डायबिटीज से सावधानी रखें। गुरु की मदद समाधान करेगी। इष्टदेव एवं भगवान शिव की आराधना पूरे वर्ष लाभप्रद रहेगी।
ND
मिथुन : कार्य-कुशलता बढ़ेगी बुध, मिथुन राशि के स्वामी हैं। इस वर्ष मिथुन राशि वाले के लिए अंतिम ढैया वाला है। पुत्र सुख प्रताप के साथ धर्मलाभ मिलेगा। परंतु ग्रह क्लेश स्थान परिवर्तन हानि एवं अर्थ की परेशानी रहेगी। शारीरिक कष्ट एवं पत्नी की चिंता बनी रहेगी। शारीरिक पीड़ा, आलस्य के साथ प्रति उत्तर देने में विरोधाभास रहेगा। शत्रु से भय के साथ सामना करना पड़ सकता है। भाई-बहन से लाभ मिलेगा। क्रोध पर नियंत्रण रखें, धार्मिक बाधा आएगी।
शांति संयम से काम लेना पड़ेगा। गुप्त धन प्राप्ति की इच्छा प्रबल होगी। मई से गुरु के भाव में आने से पदोन्नति राज्य से सम्मान, कार्य की कुशलता बढ़ेगी एवं लाभ मिलेगा। स्थाई प्रापर्टी वृद्धि, मातृभूमि भवन, वाहन आदि का सुख तथा व्यावसायिक समस्याएँ दूर होने का अवसर भी मिलेगा। गुरु प्रबलता के कारण कुप्रभाव का शमन होगा।
फिर भी सतर्कता से कार्य करें। विद्यार्थी को सफलता मिलेगी। राजनेताओं को यश की प्राप्ति होगी। मार्च में तनाव, चोर, मोच, व्याधि का योग है, जून एवं अगस्त में भी ऐसे योग हैं। शनि की आराधना एवं हनुमान जी की आराधना करें, वर्ष शुभ है।
ND
कर्क : मध्यम फल वाला वर्ष कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है। इस वर्ष गुरु अष्टम भाव में है मई में गुरु नवम भाव में रहेगा। नवंबर से पुन: अष्टम भाव में आएँगे। कर्क राशि वालों के लिए यह वर्ष विचित्र रहेगा। यथोचित सोच भी विपरीत फल वाला परंतु कुछ अचानक अच्छे परिवर्तन आपके पक्ष में आने के योग बनेंगे। कुछ अपवाद जैसी घटना का सामना हो सकता है। संतान की चिंता रहेगी। शुभ कर्मों एवं धार्मिक कार्यों में विघ्न आ सकता है। कहीं परिवार में मांगलिक कार्य में व्यय योग बनते हैं।
मित्र, भाई-बंधु से अपेक्षित लाभ नहीं होगा। लाभ की अपेक्षा से ज्यादा व्यय रहने से चिंता बनी रहेगी। बुद्धि में भी भ्रम बना रहेगा। धर्म बल से पूरा वर्ष निकलेगा। मई से सुख शांति, मनोरथ सिद्धि, संतान से सुख मन में अनुकूल वातावरण, उत्साह, उमंग के साथ पराए एवं अपनों का साथ मिलेगा। विद्यार्थियों को मेहनत करना पड़ेगी। व्यापारी, राजनेताओं के लिए मध्यम फल वाला वर्ष रहेगा। दंत पीड़ा व गले संबंधित पीड़ा हो सकती है। वर्ष में गुरु केतु के जाप एवं गुरुवार का व्रत करें।
ND
सिंह :रुके हुए कार्य पूर्ण होंगे सिंह राशि का स्वामी सूर्य है, वर्षारंभ में गुरु सप्तम भाव में हो, मई से अष्टम में रहेगा। साढ़े साती की अंतिम ढैया रहेगी। इस वर्ष उत्साह, साहस, बल-बुद्धि द्वारा कर्म करने की उत्सुकता, आत्मबल में वृद्धि, सज्जनों से अपेक्षित सहयोग संभव है। पुराने रुके हुए कार्य पूर्ण होने के अवसर मिलेंगे। स्थाई संपत्ति की प्राप्ति, ख्याति, सुकीर्ति मान-सम्मान बढ़ेगा।
वाक कला से आप अपनी प्रशंसा जमाएँगे।धनहानि पीड़ादि से चिंता रहेगी। लेन-देन बढ़ेगा। अचानक धन-यश-कीर्ति व राज्य में मान्यता-अधिकार भी मिलेगा। यात्रा भ्रमण अधिक होगा परंतु स्थान कार्य का परिवर्तन विचारणीय होगा। मई से व्यापार व्यवसाय में हानि, अपव्यय, अपवाद का कारण क्लेश, क्रोध-चिंता की वृद्धि, धन का अभाव, विविध व्यय के योग, विद्यार्थियों के लिए विपरीत फल वाला रहेगा। राहु पूज्य, पूजन द्वारा राहु शांति कराएँ।
उत्तरार्द्ध में गुरु आराध्य रहेगा। पुरानी वात व्याधि जोड़ों का दर्द, कफ जन्य विधियाँ, कमर-घुटने की तकलीफ इस वर्ष संभावित है। नवंबर में गाड़ी सावधानी से चलाएँ। शिव भगवान के जप व हनुमान जी की आराधना करें।
ND
कन्या : वर्ष सामान्य कन्या राशि का स्वामी बुध है। कन्या राशि वालों का यह वर्ष दूसरा ढैया वाला रहेगा। अत: यह वर्ष सामान्य रहेगा। शारीरिक पीड़ा संताप, वात, पेट आदि रोगों से सावधानी बरतें, अचानक शत्रु झंझट, गवाही, कोर्ट, जमानती कार्य से बचकर रहें। व्यर्थ में भ्रमण से कार्य की हानि, अनुचित कार्य में मन का रुझान बढ़ना, घर-परिवार या मांगलिक कार्य में खर्च संभव। मन में अशांति, असहयोग, क्रोध, उत्तेजना जैसी बातों से मन विचलित।
शांति संयम से काम करें। वर्षारंभ में गुरु छठे भाव के कारण ये सभी कार्य होंगे। मई में गुरु छठे भाव में रहेंगे। अपने कुल-धर्म की मान-मर्यादा का ध्यान रखें। राजकीय कार्य से कुछ संघर्ष पश्चात पदोन्नति लाभ व मनोवांछित फल की प्राप्ति संभव होगी। विवेक बुद्धि तथा गुरुजनों से मार्गदर्शन प्राप्त करना उचित होगा। विद्यार्थी, कृषक एवं व्यापारी को मेहनत से उचित फल मिलेगा। लिवर की खराबी, पैरों में दर्द हो सकता है। पीपल को जल चढ़ाना, मछलियों को दाना देना शुभ होगा।
ND
तुला : वर्ष उत्तम फलदायक तुला राशि का स्वामी शुक्र है। वर्षारंभ में गुरु पूर्व भाव में रहेगा। छठे भाव में मई से गुरु आ जाएगा। नवंबर में पुन: पाँचवे भाव में रहेगा। यह वर्ष उत्तम फल वाला होगा। सुख-समृद्धि के साथ, यश, सफलता, कार्य कुशलता में वृद्धि रहेगी। कार्यालय में विचारों की भिन्नता तथा गृहस्थी-भाई-बंधु से भी विचारों की भिन्नता रहेगी। मित्रों का व्यवहार आपके प्रति उदासीनता का रहेगा। सोचे कार्य में विघटन, परिवर्तन की संभावना, कटु विचार मन में आएँगे। विक्रम-शौर्य द्वारा कार्यक्षमता से विशिष्ट सिद्धि साधना का वर्ष होगा। अशुभ कर्म के द्वारा भाग्य की हानि न हो, अत: कर्म व संग अच्छा रखें। मई में अति व्यय, झंझट-उलाहना की वृद्धि हो सकती है। न्यायिक प्रकरण निपटेंगे। पद-प्रतिष्ठा में उन्नति, विद्यार्थी, कृषक, व्यवसायी, सर्विस वाले सफलता का अनुभव करेंगे।
वर्ष में उदर विकार, पित्तवृद्धि कष्ट दे सकता है। फेफड़े संबंधी तकलीफ हो सकती है। शनि आराधना, उपवास-पूजन-अर्चन से लाभ मिलेगा।
ND
वृश्चिक : खर्च अधिक, लाभ कम वृश्चिक राशि का राशि स्वामी मंगल है। वृश्चिक राशि वालों के लिए यह वर्ष सुख धनागम, भौतिक सुख के साथ कष्ट, विपदा, धनहानि अति खर्च का योग बना रहा है। वर्षारंभ में गुरु चतुर्थ भाव में वर्ष मध्य में पंचम भाव में रहेगा। राज्य पक्ष से मान-सम्मान में बढ़ोतरी संभव, यात्रा योग है तथा घर-परिवार सुख साधनों के प्रति खर्च के कारण आर्थिक स्थिति खराब रह सकती है। जनमानस का कुछ विरोध, घर में अशांति,वाणी में उग्रता का ताप रहेगा। सोच-विचारकर शब्दों का प्रयोग करें।
अचानक धन लाभ भी संभव, शत्रु पराजय होंगे। कुछ रोग उपद्रवों से मुक्ति संभव होगी। दैनिक जीवन में लघुता ग्रह क्लेश से बचना, शांति रखना तथा खर्च पर संयम रखना जरूरी होगा। आर्थिक स्थिति के लिए यह वर्ष खर्च अधिक, लाभ कम वाला है। स्नायुओं में दुर्बलता, पेट की तकलीफ, अपचन, संधिवात की तकलीफ। इष्ट देव की पूजा करें।
ND
धनु : मिश्रित फल वाला वर्ष धनु राशि का स्वामी गुरु है। वर्षारंभ में गुरु तीसरे स्थान पर रहेगा। वर्ष मध्य में चतुर्थ भाव में आएँगे। धनु राशि वालों के लिए यह वर्ष शुभ-अशुभ मिश्रित फल वाला रहेगा। बंधु, इष्ट मित्र से लाभ, सहयोग, कार्यों में सफलता-सहजता, स्वभाव में अवसरवाद भी झलकेगा। कर्मठता, संघर्ष शक्ति के द्वारा समस्त कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। रोग उपद्रव हानि संचालन से चिंता एवं विचारों में परिवर्तन, कभी-कभार, छल, विद्या में रुचि, चित्त में चपलता, गृहस्थ जीवन में खटपट, विचारों की भिन्नता हो सकती है।
शांतिपूर्वक रहें। पत्नी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। पुण्य लाभ, अनायास उद्योग व्यवसाय में बड़े उतार-चढ़ाव परिवर्तन के योग हैं। उधारी लेन-देन में संयम बरतें। कृषक, व्यापारी, विद्यार्थी के लिए यह वर्ष उत्तम रहेगा। वर्ष में राहु-केतु के जाप करें, जप-दान-पूजन से वर्ष अनुकूल बनेगा। लाभ मिलेगा। भागीदारी में कार्य सोचकर करें।
ND
मकर : भवन-वाहन का सुख मिलेगा मकर राशि का स्वामी शनि है। मकर राशि वालों के लिए यह वर्ष भवन-वाहन का सुख प्राप्त करने का है। इस हेतु धन खर्च योग बन रहे हैं। साधना इष्ट देव का बल बढ़ाकर अनेक तरह के लाभ, वाणी-विचार में स्थिरता के द्वारा विशेषता अर्जित कर सकते हैं। सुख के साथ धर्म-लाभ, पुण्यकर्म में मति, परंतु कार्य में विघ्न संभव है। हानि, अपव्यय, व्याधि आदि के कारण चिंता व्यापार का योग बनता है। सोचे-विचार कार्यों में विलम्ब, कष्ट, झंझट लेकिन पुराने फैसले आपके पक्ष में होंगे।
बुद्धि-बल द्वारा कार्य सफल होंगे।। नई खोज के अवसर मिलेंगे। वांछित फल आत्मविश्वास से प्राप्त होंगे। घर- गृहस्थी का सुख, विवाहादि योग, कुटुंब, इष्ट मित्र से सहयोग मिलेगा। वर्ष मध्य अनिद्रा, रक्त, विकार, चोर पीड़ा से कष्ट हो सकता है। चींटियों को आटा, शक्कर खिलाने से एवं इष्ट देव की आराधना से लाभ मिलेगा।
ND
कुंभ :उत्साह व उमंग भरा वर्ष कुंभ राशि का स्वामी शनि है। अंतिम शनि ढैया चल रहा है। वर्षारंभ गुरु प्रथम भाव में, मध्य में द्वितीय स्थान पर रहेगा। शारीरिक पीड़ा पर ध्यान दें। शारीरिक कष्ट होते हुए भी नया साल प्रसन्नता, उत्साह व उमंग भरा रहेगा। अच्छे कार्यों में मन लगेगा, संतान से सुख, शिक्षा में सफलता, यश-सुख-समृद्धि, कार्य की सिद्धि होगी। घर व बाहर सभी जगह से सम्मान होगा। स्त्रियों को संतान चिंता। तार्किक बुद्धि से नए अवसर मिलेंगे। अप्रैल-मई से इच्छित व अनुकूल फल पाकर रुके कार्य पूर्ण कर सकते हैं। कारोबार का विस्तार, घर-गृहस्थी का सुख, कुटुंब इष्ट मित्रों से भी अनुकूलता का व्यवहार मिलेगा। विद्यार्थी सफलता, व्यापारी, कुशल राजनेता सुखी रहेंगे। सर्दीजन्य कष्ट, वर्ष मध्य (मई) में चोट की संभावना, वाहन से सावधानी रखें। वर्ष में राहु शनि-आराधना एवं शिव-आराधना लाभप्रद रहेगी।
ND
मीन :शुभ वातावरण बनेगा मीन राशि का स्वामी गुरु है। वर्षारंभ में गुरु द्वादश भाव में रहेगा। मध्य में प्रथम भाव में व वर्ष उत्तरार्द्ध में पुन: द्वादश भाव में रहेगा। यह वर्ष कठिन परिश्रम के द्वारा लाभ प्राप्त करने का है। खर्च की चिंता से उबरना होगा। असंतोष, मन, बुद्धि में विचलता, भाई-बंधु, इष्ट मित्रों से अपेक्षाकृत सहयोग में कमी, जन्मस्थान से दूर जाने के योग, कार्य में परिवर्तन की संभावना बनती है। माता के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। व्यापार मध्यम रहेगा।
वाणी एवं खान-पान पर ध्यान देना होगा। कर्मचारी व राजनैतिक को अधिक परिश्रम पर लाभ कम मिलेगा। मान-सम्मान बना रहेगा। गृहस्थी में खटपट, तकरार की स्थिति पैदा होगी। शांति बनाए रखना लाभप्रद होगा। भौतिक सुख सुविधा पर खर्च होगा। शत्रु से विजय मिलेगी। विद्यार्थियों के लिए यह वर्ष प्रयत्न वाला रहेगा। वर्ष के मध्य में गुरु प्रभाव से अनुकूल, सर्वमंगलमय खर्च, चिंता- कष्ट-अपवाद से मुक्ति पाकर शुभ वातावरण बनेगा। कफ संबंधित तकलीफ रहेगी। छाती दर्द, मई में चोरी की संभावना रहेगी, गुरु के कारण जल्दी स्वस्थ हो जाएँगे। ऊँ नम: शिवाय का जाप एवं हनुमान जी की सेवा लाभप्रद रहेगी।