Karwa Chauth 2024: करवा चौथ कब है, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि, कथा और मंत्र सहित चांद निकलने का समय

WD Feature Desk
शुक्रवार, 27 सितम्बर 2024 (16:56 IST)
karva chauth ka chand kab niklega 2024: वर्ष 2024 में करवा चौथा का व्रत 20 अक्टूबर 2024 रविवार के दिन रखा जाएगा। हिंदू माह कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को यह व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना से रखती हैं। करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर को शाम 05:46 से 07:02 के बीच रहेगा। व्रत का प्रारंभ प्रात: 06:25 से होकर इसका समापन रात्रि 07:54 पर चांद निकलने के बाद होगा।
 
 
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ- 20 अक्टूबर 2024 को प्रात: 06:46 बजे से प्रारंभ।
चतुर्थी तिथि समाप्त- 21 अक्टूबर 2024 को प्रात: 04:16 बजे समाप्त।
 
करवा चौथ पूजा का मुहूर्त- शाम को 05 बजकर 46 मिनट से 07 बजकर 02 मिनट तक रहेगा।
 
करवा चौथ व्रत का समय- आमतौर पर इस व्रत का प्रारंभ एक दिन पूर्व से ही हो जाता है परंतु आप 20 अक्टूबर 2024 प्रात: 06 बजकर 25 से व्रत का प्रारंभ करके 07 बजकर 54 मिनट पर चांद निकलने के बाद व्रत का समाप्त होगा।
 
कब निकलेगा करवा चौथा का चांद : दिल्ली टाइम के अनुसार 20 अक्टूबर 2024 रविवार के दिन रात्रि को 07 बजकर 54 मिनट पर चांद निकलेगा।
 
करवा चौथ की पूजन विधि:
- सूर्योदय से पूर्व ही उठकर स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहन लें तथा शृंगार भी कर लें।
 
- स्नानादि करने के पश्चात यह संकल्प बोलकर करवा चौथ व्रत का आरंभ करें। व्रत के दिन निर्जला रहे यानी जलपान न करें।
 
- प्रातः पूजा के समय इस मन्त्र के जप से व्रत प्रारंभ किया जाता है- 
 
'मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।'
 
अथवा- करवा चौथ मंत्र:-
ॐ शिवायै नमः' से पार्वती का, 
'ॐ नमः शिवाय' से शिव का, 
'ॐ षण्मुखाय नमः' से स्वामी कार्तिकेय का, 'ॐ गणेशाय नमः' से गणेश का तथा 
'ॐ सोमाय नमः' से चंद्रमा का पूजन करें।
 
- शाम के समय, मां पार्वती की प्रतिमा की गोद में श्रीगणेश को विराजमान कर उन्हें बालू अथवा सफेद मिट्टी की वेदी अथवा लकड़ी के आसार पर शिव-पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, गणेश एवं चंद्रमा की स्थापना करें।
 
- मूर्ति के अभाव में सुपारी पर नाड़ा बांधकर देवता की भावना करके स्थापित करें। 
 
- इसके बाद मां पार्वती का सुहाग सामग्री आदि से श्रृंगार करें।
 
- भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करें और कोरे करवे में पानी भरकर पूजा करें। 
 
- एक लोटा, एक वस्त्र व एक विशेष करवा दक्षिणा के रूप में अर्पित करें।
 
- सौभाग्यवती स्त्रियां पूरे दिन का व्रत कर व्रत की कथा का श्रवण करें।
 
-  इसके बाद चांद निकलने के बाद एक छलनी में अपने पति का चेहरा देखें।
 
- चंद्रोदय के बाद चांद को अर्घ्य देकर अपने पति के हाथ से जल एवं मिष्ठान खाकर व्रत खोलें।

करवा चौथ माता की कथा | Karwa chauth mata ki katha in hindi: 
1. पौराणिक कथाओं में एक जोर जहां माता पार्वती अपने पति शिवजी को पाने के लिए तप और व्रत करती है और उसमें सफल हो जाती है तो दूसरी ओर सावित्री अपने मृत पति को अपने तप के बल पर यमराज से भी छुड़ाकर ले आती है। यानी स्त्री में इतनी शक्ति होती है कि वो यदि चाहे, तो कुछ भी हासिल कर सकती है। इसीलिए महिलाएं करवा चौथ के व्रत के रूप में अपने पति की लंबी उम्र के लिए एक तरह से तप करती हैं।
 
2. यह भी कहा जाता है कि करवा नाम की एक पतिव्रता स्त्री के नाम पर ही करवा चौथ का नाम करवा चौथ पड़ा है। कहते हैं कि करवा नाम की पतिव्रता स्त्री अपने पति के साथ नदी के किनारे के गांव में रहती थी। एक दिन उसका पति नदी में स्नान कर रहा था तभी एक मगरमच्छ ने उसका पैर पकड़ लिया। वह मनुष्य करवा-करवा कह के अपनी पत्नी को पुकारने लगा। 
 
उसकी आवाज सुनकर उसकी पत्नी करवा भागी हुई आई और आकर उसने मगरमच्छ को कच्चे धागे से बांध दिया। मगरमच्छ को बांधकर वो यमराज के यहां पहुंच गई और यमराज से कहने लगी- हे भगवन! मगरमच्छ ने मेरे पति का पैर पकड़ लिया है। उस मगरमच्छ को पैर पकड़ने के अपराध में आप नरक में ले जाओ।
 
यमराज बोले, 'लेकिन अभी मगरमच्छ की आयु शेष है, अतः मैं उसे नहीं मार सकता। इस पर करवा बोली, 'अगर आप ऐसा नहीं करोगे तो मैं आप को श्राप देकर नष्ट कर दूंगी।' सुनकर यमराज डर गए और उन्होंने मगरमच्‍छ को यमपुरी भेज दिया और करवा के पति को दीर्घायु रहने का आशीर्वाद दे दिया। तभी से उस महिला को करवा माता कहने लगे।
 
karva chauth vrat summary 2024:  वर्ष 2024 में करवा चौथा का व्रत 20 अक्टूबर 2024 रविवार के दिन रखा जाएगा। हिंदू माह कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को यह व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना से रखती हैं। 20 अक्टूबर 2024 को प्रात: 06:46 बजे से चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी और 21 अक्टूबर 2024 को प्रात: 04:16 बजे समाप्त होगी। करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर को शाम 05:46 से 07:02 के बीच रहेगा। व्रत का प्रारंभ प्रात: 06:25 से होकर इसका समापन दिल्ली टाइम अनुसार रात्रि 07:54 पर चांद निकलने के बाद होगा।

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