करवा चौथ सरल पूजन विधि | karva chauth pooja saral vidhi
- करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पूर्व ही उठकर स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहन लें तथा शृंगार भी कर लें।
- स्नानादि करने के पश्चात यह संकल्प बोलकर करवा चौथ व्रत का आरंभ करें।
- व्रत के दिन निर्जला रहे यानि जलपान ना करें।
या
ॐ शिवायै नमः' से पार्वती का, 'ॐ नमः शिवाय' से शिव का, 'ॐ षण्मुखाय नमः' से स्वामी कार्तिकेय का, 'ॐ गणेशाय नमः' से गणेश का तथा 'ॐ सोमाय नमः' से चंद्रमा का पूजन करें।
- शाम के समय, मां पार्वती की प्रतिमा की गोद में श्री गणेश को विराजमान कर उन्हें बालू अथवा सफेद मिट्टी की वेदी अथवा लकड़ी के आसार पर शिव-पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, गणेश एवं चंद्रमा की स्थापना करें।
- इसके बाद मां पार्वती का सुहाग सामग्री आदि से श्रृंगार करें।
- भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करें और कोरे करवे में पानी भरकर पूजा करें।
- एक लोटा, एक वस्त्र व एक विशेष करवा दक्षिणा के रूप में अर्पित करें।
- सौभाग्यवती महिलाएं पूरे दिन का व्रत रखकर व्रत की कथा का श्रवण करें।
- तत्पश्चात अपने पति के हाथ से जल एवं मिष्ठान खाकर व्रत खोले।
- यह व्रत परिवार की सुख-समृद्धि के लिए भी किया जाता है।
करवा चौथ पर्व की पूजन सामग्री | karva chauth ki puja samagri
कुमकुम, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मेंहदी, मिठाई, गंगाजल, चंदन, चावल, सिन्दूर, मेंहदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर का बूरा, हल्दी, पानी का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, छलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ, दक्षिणा के लिए पैसे आदि संपूर्ण सामग्री को एकत्रित करके पूजन करना चाहिए।
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