शादी के बाद का पहला करवा चौथ है तो बिलकुल न करें इस बार, बन रहे हैं अशुभ संयोग, जानिए पंडितों की राय

शादी के बाद पहला करवा चौथ है तो न करें इस बार, बन रहे हैं अशुभ योग 
 
नई दुल्हनें इस बार ना करें करवाचौथ का व्रत, होगा अपशकुन 
 
शादी के बाद का पहला करवा चौथ विशेष महत्व का होता है। लेकिन इस बार कुछ ऐसे अशुभ संयोग बन रहे हैं कि शादी के बाद का पहला करवा चौथ न करना ही  उचित है। जानकारों के अनुसार इस बार सुहाग का शुभ ग्रह शुक्र अस्त हैं और शुक्र अस्त होने की दशा में सुहाग के व्रत विपरीत फलदायक होते हैं। शुक्र ग्रह 1 नवंबर तक अस्त रहेंगे और उसके बाद उनका उदय होगा। हिंदू धर्म में सौर मंडल में शुक्र अस्त के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। करवाचौथ का व्रत शुरू करना और इसका उद्यापन करना भी शुभ कार्य माने जाते हैं।

शुक्र तारा 16 अक्टूबर 5 बजकर 53 मिनट पर पश्चिम में अस्त हो गया है। हालांकि इसके कारण पूजा पर कोई नहीं पड़ेगा, किंतु उद्यापन करना और व्रत का आरंभ करना शुभ नहीं माना जाएगा। शुक्र अस्त‍ के दौरान सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं।

लेकिन पंडितों ने यह राय भी दी है कि करवाचौथ के व्रत वाले दिन अगर व्रत के पूजन से पहले श्री गणेश की विधिवत आराधना की जाए तो व्रत के अशुभ फल में कमी आएगी। भगवान गणेश की पूजा करने से विशेष लाभ मिलेगा, जो महिलाएं इस बार व्रत रख रही हैं वह गणेश भगवान का पूजन जरूर करें। 
 
विद्वानों के अनुसार जिन युवतियों की नई-नई शादी हुई है और जो पहली बार करवाचौथ का व्रत करने जा रही हैं, उनके लिए इस बार का व्रत शुभकारी नहीं रह सकता है। साथ ही इस बार व्रत का उद्यापन (छिद्र) भी शुभकारी नहीं रहने वाला है। 
 
ज्योतिष विद्वान कहते हैं कि इस बार करवाचौथ का व्रत अस्त तिथि में आ रहा है, इसलिए नई दुल्हनों के लिए और उद्यापन के लिए इसे वर्जित माना जा रहा है। बाकी स्त्रियां इस व्रत को करके अपने पति की दीर्घायु की कामना कर सकती हैं। 
 
पंडित सोमनाथ ने बताया कि इस बार व्रत पूर्ण चतुर्थी तिथि में आ रहा है और इसके स्वामी भगवान गणेश हैं। ऐसे में भगवान गणेश की पूजा करने से विशेष लाभ मिलेगा। रात को भी चंद्र देवता को अर्घ्य देकर व्रत खोलने से पहले भगवान गणेश का पूजन जरूर करें। 

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