करवा चौथ की पौराणिक कथा Mythological Story of Karwa Chauth :-
कहते हैं कि करवा नाम की एक शिव और पार्वती भक्त पतिव्रता स्त्री थीं जिसके नाम पर ही करवा चौथ का व्रत का नाम करवा चौथ पड़ा है। करवा नाम की पतिव्रता स्त्री अपने पति के साथ नदी के किनारे के गांव में रहती थी। एक दिन उसका पति नदी में स्नान कर रहा था तभी एक मगरमच्छ ने उसका पैर पकड़ लिया। वह मनुष्य करवा-करवा कह के अपनी पत्नी को पुकारने लगा।
यमराज बोले, 'लेकिन अभी मगरमच्छ की आयु शेष है, अतः मैं उसे नहीं मार सकता। इस पर करवा बोली, 'अगर आप ऐसा नहीं करोगे तो मैं आप को श्राप देकर नष्ट कर दूंगी।' यह सुनकर यमराज डर गए और उन्होंने मगरमच्छ को यमपुरी भेज दिया और करवा के पति को दीर्घायु रहने का आशीर्वाद दे दिया। तभी से उस महिला को करवा माता कहने लगे और तभी से इस व्रत का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया।