2. माता पार्वती ने रखा था यह व्रत : पौराणिक कथाओं के अनुसा माता पार्वती अपने पति शिवजी को पाने के लिए यह व्रत रखा था। विवाहित महिलाएँ भगवान शिव, माता पार्वती और कार्तिकेय के साथ-साथ भगवान गणेश की पूजा करती हैं।
4. करवा चौथ की कथा : यह भी कहा जाता है कि करवा नाम की एक पतिव्रता स्त्री के नाम पर ही करवा चौथ का नाम करवा चौथ पड़ा है। कहते हैं कि करवा नाम की पतिव्रता स्त्री अपने पति के साथ नदी के किनारे के गांव में रहती थी। एक दिन उसका पति नदी में स्नान कर रहा था तभी एक मगरमच्छ ने उसका पैर पकड़ लिया। वह मनुष्य करवा-करवा कह के अपनी पत्नी को पुकारने लगा।
यमराज बोले, 'लेकिन अभी मगरमच्छ की आयु शेष है, अतः मैं उसे नहीं मार सकता। इस पर करवा बोली, 'अगर आप ऐसा नहीं करोगे तो मैं आप को श्राप देकर नष्ट कर दूंगी।' सुनकर यमराज डर गए और उन्होंने मगरमच्छ को यमपुरी भेज दिया और करवा के पति को दीर्घायु रहने का आशीर्वाद दे दिया। तभी से उस महिला को करवा माता कहने लगे।