भोपाल। मध्यप्रदेश में अब अनुकंपा नियुक्ति में बेटों के साथ और विवाहित बेटियों को समान अधिकार मिलेगा। आज शिवराज कैबिनेट ने फैसला किया कि अनुकंपा नियुक्ति के लिये पुत्र एवं पुत्री दोनों को समान अधिकार हैं, चाहे पुत्रियाँ विवाहित ही क्यों न हों। फैसले की जानकारी देते हुए मंत्री विश्वास सांरग ने कहा कि अब प्रदेश में शासकीय कर्मचारियों की मृत्यु हो जाने पर केवल बेटों को अनुकंपा नियुक्ति लेने की पात्रता थी। वहीं अब सरकारी कर्मचारी, अधिकारी की मृत्यु के बाद अब बेटों के साथ विवाहित बेटियां भी अनुकंपा नियुक्ति की पात्र होगी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट का यह फैसला महिला सशक्तिकरण की नीति को स्थापित करने वाला निर्णय है।
वहीं कैबिनेट ने आर एस राठौर, अपर संचालक, आर्थिक एवं सांख्यिकी की कोरोना संक्रमण के कारण 19 अप्रैल 2021 को मृत्यु हो जाने के फलस्वरूप उनकी विवाहित बेटी श्रद्धा मालवी को पात्रता न होते हुए भी मानवीय आधार एवं हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के निर्णय के बाद विशेष प्रकरण मानते हुए अनुकंपा नियुक्ति देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।
सुराज नीति-2023 का अनुमोदन- वहीं कैबिनेट ने जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण से मुक्त कराई गई शासकीय भूमि का स्वयं संसाधन के रूप में समुचित उपयोग करते हुए आवासहीन, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस.) के लिए सुराज कॉलोनी में आवास निर्माण मय आवश्यक अधो-संरचना कार्यों तथा सामुदायिक सुविधाओं के निर्माण किये जाने का निर्णय लिया। सुराज कालोनी निर्माण हेतु उचित वित्तीय संसाधन जुटाने तथा शहरी क्षेत्र के उक्त भूखंडों का सुसंगत एवं योग्य घनत्व से विकास सुनिश्चित करने के लिए पुनर्घनत्वीकरण नीति-2022 की तर्ज पर "शासकीय भूमियों के अतिक्रमण से मुक्त कराने के बाद उपलब्ध हुई भूमि पर आवासहीन, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस.) के लिए आवास निर्माण हेतु सुराज नीति-2023 का मंत्रि-परिषद द्वारा अनुमोदन किया। छोटे शहरों में मल्टी स्टोरी के स्थान पर 450 वर्ग फीट तक के आवासीय पट्टे भी कॉलोनी विकसित कर दिए जा सकेंगे।
मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम- इसके साथ कैबिनेट ने अहम प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए पशुपालन एवं डेयरी विभाग में वर्ष 2022-23 में “मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना में 150 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है। राज्य की विशेष पिछड़ी जनजाति विशेषकर बैगा जनजाति को पशुपालन से जोड़ने के लिए पायलट प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन करने एवं इसमें हितग्राहियों को दुधारू पशु प्रदाय करने के लिए मुख्यमंत्री दुधारू गाय प्रदाय कार्यक्रम को पशुपालन विकास योजना में सम्मिलित किया गया था। कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य की विशेष पिछड़ी जनजातियों को पशुपालन से जोड़ कर रोजगार के नवीन अवसर उपलब्ध कराना है।