नन्ही कविता : क्या-क्या खाकर आए

स्कूल खुली तो टीचर ने 
पूछा क्या-क्या खाकर आए 
 

 
तड़-तड़ लगे बताने जो सब 
घर से खा-खाकर आए 
 
हाथी बोला टीचर मैं तो 
आज हवा खाकर आया 
 
कहने लगा सियार आज मैं 
बड़ी मार खाकर आया 
 
चूहा बोला मन नहीं था 
मैं खाकर तैश चला आया 
 
बिल्ला बोला मैं पापा का 
खाकर खौफ चला आया 
 
बोला यों खरगोश कि मैडम 
मैं लिहाज खा आया हूं
 
नहीं किसी ने बतलाया मैं 
दाल-भात खा आया हूं। 
- प्रभात, जयपुर

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