बाल साहित्य : बच्चे आए झाड़ू लेकर

बच्चे आए झाड़ू लेकर, 
भारत स्वच्छ करेंगे।
 

 
गली-गली में पड़ीं पन्नियां, 
सड़क-सड़क पर कचरा है।
भारत देश की इस धरती पर,
राज धूल का पसरा है।
 
कीच-गंदगी का सड़कों से,
सूरज अस्त करेंगे।
 
ऐसी सड़क बनेगी जैसे,
नीला कांच बिछाया हो।
अम्बर को सड़कों पर लाकर,
देकर थाप सुलाया हो।
 
बच्चे पहरेदार बनेंगे,
अविरल गश्त करेंगे।
 
जो भी कचरा फैलाएगा, 
उन्हें जेल भेजेंगे हम।
अब तो तुम्हें सुधरना होगा,
साफ-साफ कह देंगे हम।
 
कड़े नियम बनवाकर उन पर,
शासन सख्त करेंगे।

 

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