हिन्दी कविता : चन्द्रशेखर आजाद...

देकर जन्म धरती पर आपको शायद भगवान ने खुशी मनाई होगी
अमर हो गया वो गुरु भी जिसने आजादी की ज्योत आपके मन में जगाई होगी
 

 

 
इतिहास कुछ भी कहे लेकिन जानता है हर हिन्दुस्तानी बिना आजाद के आजादी हरगिज नहीं आई होगी
निर्भीक और निडरता से आपकी, अंग्रेजों की रूह भी थर्राई होगी
 
नाम हो जाएगा आपका इस युग में और बन जाओगे आजाद पुरुष युग-युग तक
ये बात शायद कई राजनीतिज्ञों को न पसंद आई होगी
 
जब फिर किसी ने मंथरा की भूमिका तो निभाई होगी
तब जाकर आपके विरुद्ध कोई एक ऐसी गंदी रणनीति बनाई होगी
 
तभी तो चन्द्रशेखर जैसे आजाद बलिदानी को आतंकी सुनने पर
दिल्ली को लज्जा तक नहीं आई होगी
 
नहीं जरूरत आपको किसी सम्मान की, न आवश्यकता है किसी पुरस्कार की
क्योंकि हर युवा के मन में आपकी छवि निश्चित ही समाई होगी
 
नमन करता हूं चरणों में आपके जन्मदिवस पर
होंगे जहां भी आप तो देखकर भारत की राजनीति, आपको भी हंसी तो आई होगी
 
आज फिर जरूरत है देश को आपकी आजाद, जानते हुए भी बलिदानी की कीमत भारत में
आपने फिर से आने की गुहार भगवान से लगाई होगी 
 
और देखकर आपका देशप्रेम भगवान ने भी
किसी मां को अपनी कोख करने बलिदान देश के खातिर इतनी हिम्मत जुटाई होगी। 
 
- एड. नवीन बिलैया (सामाजिक एवं लोकतांत्रिक लेखक)

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