बच्चों की कविता : मजे से

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
हंसों मजे से, गाओ मजे से,
हंसकर खाना, खाओ मजे से।
 
बच्चों फिर दादी से बोलो,
अच्छी कथा सुनाओ मजे से।
 
दादी कथा सुनाएं तो फिर,
हूंका देते जाओ मजे से।
 
सुनते-सुनते कथा कहानी,
चुपके से सो जाओ मजे से।
 
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