बाल गीत : अहा! पान में मजा आएगा...

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
पान लाई मां कलकत्ते से,
बापू कत्था पूना से।
दादी पान लगाने बैठी, 
पटना वाले चूना से।


 
अभी प्लेन से दिल्ली वाले, 
चाचाजी घर आए हैं।
गोल सुपारी मीठी-मीठी, 
थैली भरकर लाए हैं।
 
नागपुर से लौंग मसाला,
मामा लेकर आएगा।
अहा! पान में मजा आएगा, 
जो भी इसको खाएगा।
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