देशभक्ति पर कविता : बच्चे हम भारतमाता के...

कृष्ण वल्लभ पौराणिक
बच्चे हम भारतमाता के
सभी प्यार से रहते
कभी न लड़ते हम आपस में
और खेलते रहते ...1
 
जात न माने पात न माने
भाई हैं आपस में
ऊंच-नीच को हम ना जाने
भेद करे ना जग में ...2
 
कभी लगी है चोट किसी को
हम सब संग दौड़ेंगे
प्राथमिक चिंकित्सा करके
उसको घर छोड़ेंगे। ...3
 
विद्यालय हम प्रतिदिन जाते
बहुत ध्यान से पढ़ते
जो भी समझाते हैं शिक्षक
बिना शोर के सुनते ...4
 
ब्लैक बोर्ड पर लिखे प्रश्न को
हम कॉपी में लिखते
घर पर आकर गृह कार्य को
बिन भूले हम लिखते ...5
 
पीटी कर फुटबॉल खेलते
हॉकी, दौड़ लगाते
टेबल टेनिस अन्य खेल में
मनमाफिक जुड़ जाते ...6
 
खेलकूद अच्‍छा लगता है
और पढ़ना भी भाता
स्वस्थ शरीर में चंगा मन
बसता सदा कहता ...7
 
खुश रहते हैं मात-पिता और
शिक्षक विद्यालय के
आशीष हमें सबके मिलते
प्रिय बालक हम सबके ...8
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