शिक्षक ने बहुत प्यार से पूछा, 'बेटा मोहन, क्या बात है? बोलो।'
'सर, कक्षा के बच्चे मुझ पर दया करते हैं, मुझे 'बेचारा' कहते हैं', मोहन ने सुबकते हुए कहा।
मोहन को लगता है कि वे सब उसकी विकलांगता के कारण उस पर रहम और दया का व्यवहार करते हैं। न कोई उससे मजाक करता है और न ही कोई उससे झगड़ता है। सबकी आंखों में उसके लिए दया है, अपनापन नहीं। यही बात उसका मन दुखा गई।
'सर, मुझे मेरे दोस्तों से दया नहीं, अपनापन चाहिए', मोहन ने सुबकते हुए कहा।