साधु ने युवक की परेशानी को सुनकर कहा- मेरे पास एक विद्या है जिससे जादुई घड़ा बन जाता है। तुम जो भी इस घड़े से मांगोगे, वह तुम्हारे लिए उपस्थित हो जाएगा। परंतु जिस दिन घड़ा फूट गया, उसी समय जो कुछ भी इस घड़े ने दिया था, वह सब अदृश्य हो जाएगा।
साधु ने आगे कहा- अगर तुम दो वर्ष तक मेरे आश्रम में रहो, तो यह घड़ा मैं तुम्हें दे सकता हूं। और अगर पांच वर्ष तक आश्रम में रहो, तो मैं यह घड़ा बनाने की विद्या तुम्हें सिखा दूंगा। तुम क्या चाहते हो?
उसने घड़े से हर इच्छा पूरी करनी चाही और वह पूरी होती गई। घर बनवाया, महल बनवाया, नौकर-चाकर मांगे। वह सभी को अपनी धाक व वैभव-संपदा दिखाने लगा। उसने शराब पीना शुरू कर दिया।