धैर्य की परीक्षा ...

न्यूयॉर्क। अपने श्वान सॉली को अपनी ज्वेलरी शॉप पर लेकर जाना कॉफमैन महोदय की दिनचर्या का हिस्सा था। एक दिन मिस्टर कॉफमैन और उनके बिजनेस पार्टनर रॉबर्ट रोसिन एक डायमंड डीलर से सौदे की बातचीत कर रहे थे कि एक दुर्घटना घट गई। डायमंड डीलर के हाथ से एक ३ कैरेट का डायमंड फिसला और सॉली के सामने जा गिरा।

इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, सॉली ने वह डायमंड खाने की चीज समझ कर निगल लिया। डायमंड की कीमत १० लाख के करीब थी। कॉफमैन पशोपेश में पड़ गए। तुरंत तीनों सज्जन सॉली को वेटरनरी डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने सलाह दी कि सॉली की अगली जैविक क्रिया की प्रतीक्षा करो तो ही डायमंड वापस मिल सकता है।

इसके बाद तो कॉफमैन महोदय ने सॉली को बहुत देखभाल के साथ रखा। वे सॉली की जैविक क्रिया के प्रति खासे उत्सुक भी रहे। तीन दिनों तक उनकी बेचैनी बनी रही। ये दिन बड़े कठिन भी गुजरे, पर आखिरकर सॉली के पेट से डायमंड बाहर निकल आया। डायमंड को साफ करके डीलर को वापस लौटा दिया गया तब जाकर कॉफमैन महोदय को चैन मिला।

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