कीमोथैरेपी और सर्जिकल से मिल सकेगी राहत : आईआईटी-गुवाहाटी के रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर देबप्रतिम दास ने कहा कि कैंसर दुनियाभर में लाखों रोगियों को प्रभावित कर रहा है, लेकिन कीमोथैरेपी और सर्जिकल उपचार पद्धति जैसे मौजूदा उपचारों की कड़ी सीमाएं होती हैं।
हाइड्रोजेल जल-आधारित, त्रि-आयामी बहुलक नेटवर्क हैं जो तरल पदार्थ को अवशोषित करने और बनाए रखने में सक्षम हैं। उनकी अनूठी संरचना जीवित ऊतकों की नकल करती है, जिससे वे जैव-चिकित्सा अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त बन जाते हैं।(भाषा)