गुजरात में कच्छ जिले के सूखे पड़े बन्नी क्षेत्र में जैविक रंग पैदा करने वाले जीवाणुओं के एक समूह के बारे में पता चला है। इसका इस्तेमाल डाई उद्योग में किया जा सकता है।
गुजरात मरूस्थलीय पारिस्थितिकी संस्थान (जीयूआईडीई) के शोधकर्ताओं के मुताबिक बन्नी के खारी मिट्टी में पहली बार नमक वाले पर्यावरण में पाए जाने वाले और रंग पैदा करने वाले इस जीवाणु उपसमूह को पाया गया है।
संस्थान के प्रभारी निदेशक डॉ वी. विजय कुमार ने कहा जब (जीवाणु से प्राप्त) रंग का इस्तेमाल कपास के धागे को रंगने में किया गया तो इसके बेहतर रंग के बारे में पता चला। यह उच्च तापमान और प्रकाश में भी बेहतर दिखता है। इससे इसके वाणिज्यिक इस्तेमाल की संभावना के बारे में पता चलता है।
संस्थान के वैज्ञानिकों ने कहा कि जैविक रंगों की भारी मांग है। इन जीवाणुओं का इस्तेमाल विभिन्न क्षेत्रों में किया जा सकता है। (एजेंसी)