मेलबर्न। वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक ईजाद की है जिसके द्वारा मृत व्यक्ति को भी आसानी से जिंदा किया जा सकता है। अभी इन तकनीकों का ट्रायल चल रहा है।
हैराल्ड सन अखबार के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में हुए इस करिश्में को खास तकनीक से अंजाम दिया। यहां 30 साल के एक शख्स को क्लिनिकली डेड होने के 40 मिनट बाद वापस जिंदा कर दिया गया।
कॉलिन फीडलर विक्टोरिया से हैं। वह दिल की बीमारी से पीड़ित थे। अल्फेड अस्पताल में वह 40 से 60 मिनट तक मृत पड़े रहे, पर नई तकनीक ने उन्हें जिंदा कर दिया। इसी तरह दो और लोगों को भी दिल का दौरा पड़ा था और उन्हें भी इस तकनीक के जरिए नया जीवन मिल गया।
अस्पताल में दो नई मशीनों - मकैनिकल सीपीआर मशीन और पोर्टेबल हार्ट-लंग मशीन का ट्रायल चल रहा है। सीपीआर जहां लगातार छाती को दबाने का काम करती है वहीं हार्ट-लंग मशीन पेशंट के जरूरी अंगों जैसे कि ब्रेन आदि तक ऑक्सिजन और ब्लड का फ्लो बनाए रखती है।
अब तक ऑटो पल्स मशीन और एक्स्ट्रा-कॉरपोरियल मेंब्रेन ऑक्सिजिनेशन तकनीक से सात कार्डिक पेशंट्स का इलाज किया जा चुका है। यह तकनीक डॉक्टर को दिल का दौरा पड़ने की वजह को समझने का मौका देती है। (वेबदुनिया)