चंद्रयान 3 अपने मिशन के बेहद करीब पहुंच चुका है और हाल ही में चंद्रयान 3 ने चांद की कुछ तस्वीरें भी शेयर की हैं। चांद में कोई वायुमंडल नहीं है और न ही किसी प्रकार की हवा। इसका मतलब है कि चांद पर जिंदगी खोजना फिलहाल मुश्किल है। आपको बता दें कि अभी तक चांद पर 12 लोग गए हैं। सबसे पहले 1969 में नील आर्मस्ट्रांग ने चांद पर अपना पहला कदम रखा था। आपने भी कई बार इनके बारे में किताबों में पढ़ा होगा पर क्या आपने कभी सोचा कि चांद पर एस्ट्रोनॉट की लाइफस्टाइल कैसी होती होगी? चलिए जानते हैं इनकी लाइफस्टाइल के बारे में....
स्पेस स्टेशन में टॉयलेट का इस्तेमाल
एस्ट्रोनॉट के जागने के बाद और अपने स्लीप स्टेशन से उठने के बाद, उसकी सुबह का रूटीन पृथ्वी पर हमारे रूटीन से काफी मिलता-जुलता होता है। एस्ट्रोनॉट अपने हाइजीन के लिए उनकी पर्सनल हाइजीन किट का इस्तेमाल करते हैं। इस रूटीन में एस्ट्रोनॉट साधारण व्यक्ति की तरह टूथब्रश करते हैं।
टॉयलेट का उपयोग करने के लिए एस्ट्रोनॉट एक पोजीशन लेते हैं। इस टॉयलेट का कमोड, हवा और waste को खींचने के लिए वैक्यूम क्लीनर की तरह काम करता है। साथ ही यूरिन के लिए एस्ट्रोनॉट के पास एक प्राइवेट urinal funnel होता है।
ऐसा होता है एस्ट्रोनॉट का खाना
एस्ट्रोनॉट को वास्तव में अंतरिक्ष में बर्तन धोने में समय बर्बाद नहीं करना पड़ता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि स्पेस फूड, डिस्पोजेबल पैकेज में आता है जिसे वे खाने के बाद फेंक देते हैं। साथ ही पीने के लिए भी अधिकतर खास पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि कुछ खाना नेचुरल रूप से भी खाया जाता है जिसमें नट्स और फ्रूट्स जैसी चीज़ें शामिल होती हैं। स्पेस में रहते हुए सीमित मात्रा में ही खाना खाया जाता है।
एक्सरसाइज होती है ज़रूरी
एस्ट्रोनॉट को स्पेस स्टेशन में एक्सरसाइज करना बहुत ज़रूरी होता है। उनके प्रत्येक दिन में कुछ घंटे उनकी फिटनेस के लिए निर्धारित रहते हैं। एवरेज आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो एस्ट्रोनॉट एक दिन में करीब 2 घंटे एक्सरसाइज करता है। एस्ट्रोनॉट का शरीर लगातार ग्रेविटी के विरुद्ध काम करता है इसलिए उन्हें एक्सरसाइज की ज़रूरत होती है।
8 घंटे की नींद होती है ज़रूरी
काम करने के बाद रात की अच्छी नींद के लिए बिस्तर पर जाने से बेहतर कुछ नहीं है। अंतरिक्ष में भी यही कहानी है, सिवाय बिस्तरों के, अंतरिक्ष यात्री अपने निजी क्रू केबिन में रखे स्लीपिंग बैग में आराम करते हैं। अंतरिक्ष यात्री को सुरक्षित रखने के लिए स्लीपिंग बैग दीवार से जुड़े होते हैं क्योंकि अगर स्लीपिंग बैग दीवार से जुड़े नहीं होंगे तो एस्ट्रोनॉट इधर उधर तैरते रहेंगे।