नासा के स्पिटजर स्पेस टेलीस्कोप से मिली जानकारी का इस्तेमाल करके शोधकर्ताओं ने पाया कि गर्म पक्ष का तापमान 2,500 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है जबकि ठंडे पक्ष का तापमान लगभग 1,100 डिग्री सेल्सियस है।
डेमोरी ने कहा कि हमारा मानना है कि इसकी व्याख्या दिन के समय रहने वाले वायुमंडल या ग्रह की सतह पर लावा के प्रवाह के माध्यम से की जा सकती है। इस अध्ययन के नतीजे एक ऐसे ग्रह की ओर इशारा करते हैं जिस पर वायुमंडल है ही नहीं। ये संभवत: एक लावा क्षेत्र की ओर इशारा करते हैं, जहां लावा रात के समय ठोस हो जाता है और ऊष्मा का संचरण नहीं कर पाता।