India-China border News : भारत ने शुक्रवार को कहा कि उसने होटन प्रांत में 2 नई काउंटी की घोषणा पर चीन के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है, क्योंकि इनके कुछ हिस्से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के दायरे में आते हैं। भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि नए काउंटी बनाने से न तो क्षेत्र पर भारत की संप्रभुता के संबंध में दीर्घकालिक और सतत स्थिति पर कोई असर पड़ेगा और न ही इससे चीन के अवैध और जबरन कब्जे को वैधता मिलेगी। भारत-चीन के विशेष प्रतिनिधियों द्वारा सीमा वार्ता पुनः शुरू करने के कुछ दिनों बाद चीन ने दोनों काउंटी बनाने की घोषणा की है। यह वार्ता लगभग 5 वर्षों से ठप थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि इन तथाकथित काउंटी के कुछ हिस्से भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में आते हैं और इस चीनी कार्रवाई का, संप्रभुता के संबंध में नई दिल्ली के स्थाई रुख पर कोई असर नहीं पड़ेगा। भारत-चीन के विशेष प्रतिनिधियों द्वारा सीमा वार्ता पुनः शुरू करने के कुछ दिनों बाद चीन ने दोनों काउंटी बनाने की घोषणा की है। यह वार्ता लगभग 5 वर्षों से ठप थी।
जायसवाल ने कहा, हमने चीन के होटन प्रांत में दो नए काउंटी बनाने से संबंधित घोषणा पर गौर किया है। इन तथाकथित काउंटी के अधिकार क्षेत्र के कुछ हिस्से भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में आते हैं। प्रवक्ता ने कहा, हमने वहां भारतीय क्षेत्र पर अवैध चीनी कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है।
उन्होंने कहा, नए काउंटी बनाने से न तो क्षेत्र पर भारत की संप्रभुता के संबंध में दीर्घकालिक और सतत स्थिति पर कोई असर पड़ेगा और न ही इससे चीन के अवैध और जबरन कब्जे को वैधता मिलेगी। जायसवाल ने कहा, हमने राजनयिक माध्यमों से चीनी पक्ष के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
संबंधों में यह ताजा तनाव ऐसे समय पर उत्पन्न हुआ है जब भारत और चीन ने साढ़े चार साल से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध का समाधान किया है और अविश्वास को कम करने के लिए कदम उठाने की घोषणा की है। पिछले साल 21 अक्टूबर को बनी सहमति के बाद दोनों पक्षों ने डेमचोक और देपसांग के टकराव वाले स्थानों पर सैनिकों की वापसी पूरी कर ली है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour