लाल किताब में दो प्रकार से हॉरोस्कोप बनाया जाता है। पहले प्रकार में हाथ की रेखा, पर्वत, भाव, राशि का निरीक्षण और निशानों को जाँच परखकर हॉरोस्कोप बनाया है और दूसरे प्रकार में प्रचलित ज्योतिष शास्त्र की पद्धति द्वारा बने हुए हॉरोस्कोप को परिवर्तित करके नया हॉरोस्कोप बनाया जाता है।