वायु तत्व प्रधान धनु राशि का स्वामी गुरु है और इसके कारक ग्रह चंद्र और गुरु माने गए हैं। भाग स्थिर है और धनु लग्न की बाधक राशि कुंभ तथा बाधक ग्रह शनि है। लाल किताब अनुसार नवम भाव में धनु राशि मानी गई है जिसके गुरु का पक्का घर दो, पांच, नौ, ग्यारह और बारह माना जाता है। यदि आप धनु राशि के जातक हैं तो आपके लिए यहां लाल किताब अनुसार सामान्य सलाह दी जा रही है।
*सोना खो जाए या चोरी हो जाए।
*बिना कारण शिक्षा रुक जाए।
*व्यक्ति के संबंध में व्यर्थ की अफवाहें उड़ाई जाती हैं।
*आंखों में तकलीफ होना, मकान और मशीनों की खराबी, अनावश्यक दुश्मन पैदा होना, धोखा होना, साँप के सपने।
*सांस या फेफड़े की बीमारी, गले में दर्द।
*2, 5, 9, 12वें भाव में बृहस्पति के शत्रु ग्रह हों या शत्रु ग्रह उसके साथ हों तो बृहस्पति मंदा होता है।