चंद्रमा वृषभ में उच्च, वृश्चिक में नीच का होता है। लाल किताब में चौथे भाव में चंद्रमा बली और दसवें भाव में मंदा होता है। शनि की राशियों में चंद्र बुरा फल देता है। लेकिन यहां छठवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें जानिए।
यह भाव बुध और केतु से प्रभावित होता है। इस घर में स्थित चंद्रमा दूसरे, आठवें, बारहवें और चौथे घरों में बैठे ग्रहों से प्रभावित रहता है। यदि चंद्रमा छठवें, दूसरे, चौथे, आठवें और बारहवें घर में होकर शुभ है तो ऐसा जातक किसी मरते हुए के मुंह में पानी की कुछ बूंदें डालकर उसे जीवित करने का काम करता है। दूसरी ओर छठवें भाव में स्थित चंद्रमा अशुभ है और बुध दूसरे या बारहवें भाव में स्थित है तो जातक आत्महत्या करने की सोचता रहता है और यदि चन्द्रमा अशुभ है और सूर्य बारहवें घर में है तो जातक या उसकी पत्नी या दोनों ही आंख के रोग से ग्रस्त रहेंगे। ऐसा जातक बाधाओं के साथ शिक्षा प्राप्त करता है और अपनी शैक्षिक उपलब्धियों का लाभ उठाने के लिए उसे बहुत संघर्ष करना पडता है।
3. पत्नी, माता, बेटी और बहन से संबंध अच्छे रखें।
4. मांस और मदिरा का सेवन ना करें। सकारात्कमक सोच को अपनाएं।