3. लाल किताब का 7वां घर वैवाहिक जीवन तथा गृहस्थी के हालात को बताता है। शुक्र स्त्री सुख, धन, संपत्ति और ऐश्वर्य का मालिक है और बुध व्यापार, नौकरी और अकल का मालिक है। दोनों के बगैर गृहस्थी चलना मुश्किल है।
5. सप्तम भाव का कारक बुध तथा भावेश शुक्र है। शुक्र को धरती और रिजक (धन) कहा गया है। बुध को अकाश और अकल कहा गया है। इस चक्की की कीली अर्थात धुरी आठवां घर होता है, जो शनि और मंगल का घर है। आठवें घर के ग्रह गोचर या वर्षफल में जब लग्न या अष्टम भाव में आएंगे तो आपसी संबंधों के फलस्वरूप शुभाशुभ फल देने में सक्षम होंगे।