इस भाव में स्थित शुक्र जातक को एक आकर्षक व्यक्तित्व देता है। जातक की पत्नी साहसी, समर्थक और बैलगाड़ी के दूसरे बैल की तरह जातक के लिए सहयोगी होगी। वह जातक को छल, चोरी और नुकसान से बचाने वाली होगी। यदि नवम और एकादश भाव में शुक्र के शत्रु ग्रह स्थित हों तो प्रतिकूल परिणामों की प्राप्ति होगी। शुक्र के साथ राहु का होना अर्थात स्त्री तथा दौलत का असर खत्म। यदि शनि मंदा अर्थात नीच का हो तब भी शुक्र का बुरा असर होता है।
3. पराई औरतों के साथ छेड़खानी (फ्लर्ट) करने से बचें।
4. मांस, मदिरा और झूठ बोलने से बचें।
5. शुक्रवार के दिन खटाईं न खाएं।
क्या करें :
1. लक्ष्मी की उपासना करें। सफेद वस्त्र दान करें।
2. भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे, और कुत्ते को दें।
3. गाय को हरा चारा खिलाते रहें।
4. शुक्रवार या एकादशी का व्रत रखें।
5. सुगन्धित इत्र या सेंट का उपयोग करें। पवित्र बने रहें।