उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने रविवार को कहा कि भारत से बुनियादी ढाँचा उपकरणों, परमाणु हार्डवेयर तथा सैन्य विमानों की खरीद संबंधी ऑर्डरों से अमेरिका में अगले दस साल में सात लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं।
परिसंघ ने अमेरिका में परिचालन कर रही अपनी सदस्य कंपनियों से एक सर्वे में यह निष्कर्ष निकाला है। इसके अनुसार अमेरिका में भारतीय कारोबार अब केवल आईटी तथा आईटीईएस तक सीमित नहीं है और यह व्यापक हो चला है।
इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है भारत द्वारा अमेरिकी सैन्य, परमाणु हार्डवेयर तथा असैन्य विमानों की खरीद से अगले दस साल में अमेरिका में 700000 से अधिक नौकरियाँ मिल सकती हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा इन दिनों भारत की यात्रा पर हैं और उन्होंने कल भारतीय तथा अमेरिकी कंपनियों के बीच दस अरब डॉलर मूल्य के सौदों की घोषणा की। इनके तहत रिलायंस पावर दो अरब डॉलर के उपकरण खरीदेगी जबकि स्पाइसजेट ने बोइंग से 30 विमान खरीदने का सौदा किया है। इन सौदों से अमेरिका में 50000 से अधिक नौकरियाँ पैदा होंगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में परिचालन कर रही भारतीय कंपनियाँ अमेरिकी कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर भर्तियाँ कर रही हैं। (भाषा)