विवादास्पद सत्यम-मेटास सौदे से उत्पन्न परिस्थितियों में सत्यम कम्यूटर्स के निदेशक मंडल से इस्तीफा देने वाले एम. राममोहन राव ने भारतीय रिजर्व बैंक की उस उच्च स्तरीय समिति को छोड़ने की पेशकश की, जो केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर के उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करती है। राव सत्यम के निदेशक मंडल में स्वतंत्र निदेशक थे।
आधिकारिक सूत्रों ने यहाँ कहा उन्होंने समिति से अपने आपको हटाने की माँग की है, क्योंकि उन पर कुछ और जिम्मेदारियाँ हैं। हमने अब तक इस बारे में फैसला नहीं लिया है।
सूत्रों ने बताया सरकार पत्र पर विचार करने के बाद फैसला लेगी। हैदराबाद स्थित इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन राव ने सत्यम द्वारा कंपनी के अध्यक्ष आर. रामलिंग राजू के पुत्रों की कंपनियों के अधिग्रहण की असफल कोशिश के बाद सत्यम कंप्यूटर के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने 16 दिसंबर को सत्यम के निदेशक मंडल की उस विवादास्पद बैठक की अध्यक्षता की थी, जिसमें 1.6 अरब डॉलर के सौदे को मंजूरी दी गई। सत्यम विवाद के बाद आरएसपी के सांसद अवनि राय ने एम. राममोहन राव को विभिन्न सरकारी और नियामक समितियों की सदस्यता से हटाने की माँग की थी।
आरएसपी के सांसद ने कहा था सत्यम की बैठक में उनके रवैये ने विभिन्न मसलों पर उनकी चुप्पी साधने की मानसिकता को स्पष्ट किया है। यह उनके गैरजिम्मेदाराना रवैये को स्पष्ट करता है।
राव आरबीआई की चयन समिति के अलावा सेबी और दूरसंचार नियामक ट्राई के अध्यक्ष के चयन से जुड़ी समितियों में भी हैं। आरबीआई डिप्टी गवर्नर की चयन समिति की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर डी.सुब्बाराव करते हैं और प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति के पास उपगवर्नर के पद के दावेदारों की सिफारिश करते हैं।