बिजली उत्पादन के क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र की अग्रणी एनटीपीसी ने अपने संयुक्त उद्यम दाभोल बिजली संयंत्र को रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी डी6 फील्ड से ईंधन बिक्री किए जाने का विरोध किया है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले कंपनी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की बंगाल की खाड़ी स्थित गैस फील्ड से ईंधन नहीं बेचे जाने की दलील का पुरजोर विरोध किया था। बहरहाल एनटीपीसी ने अब केजी डी6 गैस को रत्नागिरि गैस एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड (आरजीपीपीएल) को बेचे जाने का विरोध किया है।
कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि आरजीपीपीएल बोर्ड रिलायंस से गैस लेने के सवाल पर विभाजित है। जहाँ एनटीपीसी ने पहल का विरोध किया है वहीं एक अन्य प्रवर्तक गेल ने इसका समर्थन किया है।
सरकार ने सितंबर 2009 तक आरजीपीपीएल के लिए आरआईएल के केजी डी6 फील्ड से 17 लाख घनमीटर प्रतिदिन गैस आवंटित की है। जबकि सितंबर के बाद गैस की आपूर्ति की मात्रा को बढ़ाकर 85 लाख घनमीटर प्रतिदिन किया जाना है। इसका मकसद देश की अग्रणी गैस आधारित बिजली संयंत्र को आयातित ईंधन पर निर्भरता को कम करना है।
आरजीपीपीएल 4.20 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट पर गैस बिक्री और खरीद समझौता अनुबंध पर हस्ताक्षर करने को तैयार है जो आयातित ईंधन से 25 फीसदी सस्ता है लेकिन एनटीपीसी ने इस पर आपत्ति जताई है और चाहती है कि बोर्ड इस बारे में फैसला करे।
अधिकारी ने कहा कि गैस बिक्री खरीद समझौता पर विचार के लिए बोर्ड की आठ मई को बैठक होगी।