धड़ाधड़ नौकरियाँ बदल रहे हैं कर्मचारी

रविवार, 19 अगस्त 2007 (20:31 IST)
बेहतर भविष्य की उम्मीद में कर्मचारियों में जल्दी-जल्दी नौकरी बदलने की बढ़ रही प्रवृत्ति से देश की कंपनियाँ खासकर सेवा क्षेत्र परेशान हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और उससे जुड़ी सेवाओं के बाद अब नागरिक विमानन वित्तीय सेवाओं रिटेल और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में यह सिलसिला तेजी से फैलता जा रहा है।

प्रमुख वाणिज्य एवं उद्योग संगठन (एसोचैम) के इको पल्स अध्ययन के अनुसार इन क्षेत्रों की कंपनियों को अपने कर्मचारियों को पकड़े रखने में खासी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

अध्ययन से पता चला है कि 26 से 30 साल के कर्मचारियों में नौकरी बदलने की प्रवृत्ति सबसे ज्यादा दिखाई दे रही है तथा दो से चार साल के काम का अनुभव रखने वाले कर्मचारी सबसे अधिक इधर से उधर भाग रहे हैं।

दूसरी ओर एक ही नौकरी में टिके रहने वाले सबसे ज्यादा कर्मचारी 39 से 45 साल की उम्र के हैं। अध्ययन से यह भी पता चला है कि पुरुष कर्मचारियों की तुलना में महिला कर्मचारी कम नौकरियाँ बदल रही हैं। हर दस पुरुष कर्मचारियों पर मात्र दो महिला कर्मचारी नई नौकरी पकड़ रही हैं।

एसोचैम के अनुसार नागरिक विमानन क्षेत्र में नौकरी छोड़ने की दर 46 प्रतिशत के उच्च स्तर तक पहुँच गई है। इस क्षेत्र के तेजी से बढ़ने और एयरलाइनों के एकीकरण जैसे कारणों से विमानन कर्मचारियों के नौकरी बदलने का सिलसिला बढ़ रहा है। पायलटों और केबिन कर्मचारियों को अनेक घरेलू और विदेशी एयरलाइनों में बेहतर अवसर नजर आ रहे हैं।

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