नेपाल में कारोबार करने वाली भारतीय कंपनियों और व्यवसायियों में वहाँ के अस्थिर राजनीतिक हालात को लेकर गहरी मायूसी है।
भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य मंडल फिक्की की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि नेपाल में कारोबार करने वाली भारतीय कंपनियों को कच्चे माल, पेट्रोल, डीजल और बिजली की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। अस्थिर राजनीतिक हालात के कारण श्रमिकों की भी कमी हो गई है जिससे कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
रिपोर्ट में एफएमसीजी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी डाबर की नेपाल इकाई 'डाबर नेपाल' का सीधे तौर पर नाम लिए बिना कहा कि पिछले छह महीनों से एक बड़ी भारतीय कंपनी को नेपाल में कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
वर्ष 1989 से ही नेपाल में अपनी खासी मौजूदगी रखने वाली डाबर कंपनी माओवादी विद्रोहियों और उनके ट्रेड यूनियनों के निशान पर है। फिक्की के मुताबिक माओवादी ट्रेड यूनियनों ने तमाम श्रमिक कानूनों तथा नियोक्ताओं के साथ किए गए समझौतों का उल्लंघन करते हुए पिछले वर्ष अगस्त से ही कंपनी में काम बंद करने की एकतरफा घोषणा कर रखी है।
फिक्की के मुताबिक इसके कारण डाबर कंपनी को प्रतिदिन 1 करोड़ 30 लाख रुपए का घाटा हो रहा है। ये स्थितियाँ समूचे नेपाल की अर्थव्यवस्था के लिए घातक हैं। इससे देश में विदेशी निवेश भी प्रभावित होगा।