रिजर्व बैंक ने मंता अर्बन कोऑपरेटिव बैंक को कुछ निर्देश दिए हैं, जो मंगलवार से ही 6 माह तक प्रभावी होंगे। अब यह बैंक आरबीआई की अनुमति के बिना कोई कर्ज या उधार नहीं दे सकेगा और न ही पुराने कर्जों का नवीनीकरण तथा कोई निवेश कर सकेगा।
5 लाख रुपए की गारंटी : बैंक चाहे सरकारी हों या प्राइवेट, विदेशी हो या को-ऑपरेटिव, इनमें जमा पैसों पर डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) की तरफ से सिक्यॉरिटी उपलब्ध कराई जाती है। बैंकों को इसके लिए प्रीमियम भरना होता है। अगर आपके बैंक अकाउंट में 5 लाख या उससे ज्यादा रकम जमा है तो DICGC आपको 5 लाख रुपए तक गारंटी देता है। इसमें मूलधन और ब्याज, दोनों शामिल हैं। पहले मात्र 1 लाख तक की ही गारंटी मिलती थी जिसे फरवरी 2020 के बजट में बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया है।
पैसे मिलने की कोई समय सीमा नहीं : अगर आपके किसी एक बैंक में एक से अधिक अकाउंट है। आपने इसी बैंक में FD भी कराई तो भी बैंक के डूबने के बाद आपको 5 लाख रुपए ही मिलने की गारंटी है। यह रकम आपको कितने दिनों में मिलेगी, इसे लेकर कोई समय सीमा तय नहीं है।