बिटकॉइन को ऐसे समय में तेजी मिल रही है जब अधिक से अधिक कंपनियां उथल-पुथल वाली डिजिटल मुद्रा को भुगतान के माध्यम के रूप में मान्यता पाने की बात मानते जा रही हैं। हालांकि अभी तक बिटकॉइन खरीदने वालों ने इसे सोने जैसे जिंस की तरह ही इस्तेमाल किया है, क्योंकि अभी इसे सेवा या सामान के बदले कुछ ही जगहों पर स्वीकार किया जाता है।
क्या है बिटकॉइन : बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी है जिसका इस्तेमाल वैश्वि︂क स्तर पर लेन-देन के लिए किया जा सकता है। कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना किसी मध्यस्था के लेन-देन किया जा सकता है। बताया जाता है कि 2008-09 में सतोषी नाकामोतो नामक एक सॉफ्टवेयर डेवलपर बिटकॉइन को प्रचलन में लाया था। सरल शब्दों में यह आपका डिजिटल पर्स होता है जिसमें आपकी बिटकॉइन रखी होती है जिसे आप किसी दूसरे के पर्स में सीधे डाल सकते हैं। इस करेंसी को क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है।
कितनी सुरक्षित बिटकॉइन : बिटकॉइन में सावधानी जरूरी है। इस पर रिजर्व बैंक जैसे नियामक का नियंत्रण नहीं है। बिटकॉइन को लेकर दिसंबर 2013 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने चेतावनी जारी कर दी थी। इसमें अकाउंट हैक होने का खतरा भी रहता है। पासवर्ड अगर भूल गए तो आपको बड़ा नुकसान हो सकता है। पासवर्ड भूलने के बाद इसकी रिकवरी नहीं हो सकती है, ऐसे में बड़ा नुकसान हो सकता है।
कैसे होती है बिटकॉइन में ट्रेडिंग : बिटकॉइन में ट्रेडिंग डिजिटल वॉलेट के जरिए होती है। इसकी कीमत दुनियाभर में एक समान रहती है और अन्य करेंसी की कीमतों की तरह ही इसमें भी उतार-चढ़ाव होता रहता है। यह डिजिटली कंट्रोल होने वाली करंसी है और इसकी ट्रेडिंग किसी भी समय की जा सकती है। किसी भी देश का नियंत्रण नहीं होने से इसकी कीमतों में भारी उतार चढ़ाव होता रहता है।