खबरों के अनुसार इस लिस्ट में बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank of Maharashtra), बैंक ऑफ इंडिया (BoI), इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank) का नाम शामिल हैं। बैंकिंग सेक्टर के प्राइवेटाइजेशन से सैकड़ों कर्मचारियों की नौकरी खतरे में आ जाएगी।
ग्राहकों पर क्या होगा असर : बैंकिंग विशेज्ञकों के मुताबिक इन बैंकों के प्राइवेट होने पर ग्राहकों के अकाउंट उनमें जमा राशि पर कोई पर खास असर नहीं पड़ेगा। जब बैंकों का निजीकरण होता है तब बैंक पहले की तरह अपनी सर्विस बरकरार रखते हैं। साथ ही होम, पर्सनल और ऑटो लोन की ब्याज दरें और सुविधाएं भी पहले जैसे ही रहती हैं। निजीकरण के बाद ग्राहकों को और बेहतर सुविधाएं मिलती हैं।