इनमें बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शामिल है। अब खबरें हैं कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए सरकार इस साल 2 अधिनियमों में संशोधन ला सकती है। उम्मीद है कि इन संशोधनों को मानसून सत्र में या बाद में पेश किया जा सकता है।
इन अधिनियमों के कारण बैंकों का 2 चरणों में राष्ट्रीयकरण हो गया और बैंकों के निजीकरण के लिए इन कानूनों के प्रावधानों को बदलना होगा। जैसा कि सरकार ने बजट सत्र के लिए विधायी कार्यों की सूची पहले ही घोषित कर चुकी है, उम्मीद है कि इन संशोधनों को मानसून सत्र में या बाद में पेश किया जा सकता है।
चालू बजट सत्र में वित्त विधेयक 2021, 2020-21 के लिये अनुदानों की अनुपूरक मांगों व संबंधित विनियोग विधेयक, नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट विधेयक 2021 और क्रिप्टोकरेंसी व आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सहित 38 से अधिक विधेयकों को पेश करने की योजना है।