दीपक कोचर के मामले को लेकर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का शिकंजा बैंक पर दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था। हालांकि बैंक ने चंदा कोचर पर अपनी पूरी विश्वसनीयता जताई थी। चंदा कोचर पर आरोप है कि उनके पति की कंपनी में वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत ने निवेश किया, जिसके बाद आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन को वर्ष 2012 में 3250 करोड़ रुपए का ॠण दिया, जो अब गैर निष्पादिन परिसंपत्ति (एनपीए) है।
बैंक इस मामले की आंतरिक जांच करा है और जांच पूरी होने तक चंदा कोचर अवकाश पर थीं। बैंक ने कहा है कि इस नए घटनाक्रम का जांच पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। बख्शी का कार्यकाल पांच साल का होगा। इसके अलावा बैंक के स्वतंत्र निदेशक एमडी माल्या ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर बैंक के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है। (वार्ता)