चीन की सरकारी समाचार एजेन्सी शिन्हुआ ने इस समझौते की खबर दी है। हालांकि उसमें निवेश की जा रही राशि का उल्लेख नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि रूस यूक्रेन के मुद्दे को लेकर यूरोपीय संघ व अमेरिका की पाबंदियों का सामना कर रहा है जिसका फायदा उठाते हुए चीन रूस के तेल व गैस क्षेत्र में अपना निवेश बढ़ा रहा है।
इस हिस्सेदारी बिक्री से पहले नोवाटेक के पास यमल प्रायद्वीप स्थित परियोजना में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जबकि फ्रांसीसी कंपनी टोटल और चाइना नेशनल पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के पास 20-20 प्रतिशत हिस्सेदारी है।