अधिकारियों ने बताया कि इस पूरे रैकेट के सरगना की पहचान ए अरोड़ा के रूप में की गई है। अरोड़ा ने कम से कम पांच लोगों का पैसा बैंक खातों में जमा कराया और तुरंत ही उसे आरटीजीएस के जरिये चीनी और आटा मिलों तथा सर्राफा कारोबारियों को स्थानांतरित कर दिया। उन्होंने बताया कि इन करीब दर्जन भर इकाइयों द्वारा 6.72 करोड़ रुपए के पुराने नोट जमा कराए गए। आयकर विभाग ने इन समूहों में कई जगह छापेमारी की है और यह अभी जारी है।
विभाग ने उन बुलियन कारोबारियों पर भी छापेमारी की है जिन्होंने नोटबंदी के बाद करीब 300 करोड़ रुपए का सोना-चांदी बेचा है। विभाग ने इलेक्ट्रानिक गैजेट और मोबाइल फोन फॉरेंसिक आडिट के लिए भेजा है जिससे आंकड़ों को फिर पाया जा सके। इससे पहले विभाग ने पुरानी दिल्ली क्षेत्र में एक सहकारी बैंक में 120 करोड़ रुपए की जमाओं में भारी अनियमितता पकड़ी थी। (भाषा)