नई दिल्ली। वर्ष 2018 से 2022 के बीच कंपाउंड एन्युअल ग्रोथ रेट (CAGR) 11.6 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ भारतीय एंटरटेनमेंट और मीडिया 3.5 ट्रिलियन रुपए यानी 353,609 करोड़ रुपए पर पहुंचने की संभावना जताई गई है।
भारतीय एंटरटेनमेंट और मीडिया इंडस्ट्री की ग्रोथ को लेकर ग्लोबल कंपनी 'प्राइसवाटरहाउस कूपर्स' ने एक रिपोर्ट जारी की है। ग्लोबल एंटरटेनमेंट एंड मीडिया आउटलुक 2018-2022 शीर्षक से जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2022 तक भारत में 850 मिलियन लोगों के पास मोबाइल कनेक्शन होने की संभावना जताई जा रही है। इसके चलते इंटरनेट डाटा के इस्तेमाल में भी काफी बढ़ोतरी हो जाएगी।
इस रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2017 में ओटीटी वीडियो रेवेन्यू 2,019 करोड़ रुपए पर पहुंच चुका है। सीएजीआर में 22.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी से वर्ष 2022 तक भारत टॉप 10 मार्केट में शामिल हो जाएगा और इसका रेवेन्यू 5595 करोड़ रुपए हो जाएगा। पायरेसी की अपरिवर्तनीय दर के बावजूद इस अवधि में 22.6 प्रतिशत सीएजीआर के साथ भारत दस बड़े ओवर द टॉप वीडियो मार्केट में शामिल हो जाएगा।
पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर और लीडर फ्रैंक डिसूजा के मुताबिक इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि वैश्विक स्तर पर भारत देश का तेजी से बढ़ता हुआ एंटरटेनमेंट और मीडिया मार्केट बना हुआ है। इसमें कोई शक नहीं कि ऑनलाइन कंटेंट का इस्तेमाल भी बढ़ेगा।' रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो वर्षों में नेटफ्लिक्स, अमेजॉन प्राइम विडियो और बालाजी टेलीफिल्म्स जैसे करीब 30 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स आ चुके हैं।
वर्ष 2016 में 25.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ भारत में इंटरनेट एडवर्टाइजिंग रेवेन्यू 2017 में 6513 करोड़ रुपए पर पहुंच चुका है। वर्ष 2022 तक इसके सीएजीआर में 32.8 प्रतिशत बढ़ोतरी की संभावना है। इसके बाद मोबाइल वीडियो एडवर्टाइजिंग का रेवेन्यू बढ़कर 2155 करोड़ रुपए होने की संभावना है। इस दौरान मूवी रेवेन्यू के सीएजीआर में भी 9.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद है।