केंद्रीय बैंक की दूसरी मौद्रिक नीति समिति की चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक बैठक के बाद बुधवार को विकास एवं नियामक नीतियों पर जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के दिशा-निर्देशों के अनुरूप मकान के निर्माण के लिए अब बैंक शहरी इलाकों (10 लाख या ज्यादा की आबादी वाले शहरों) में 35 लाख रुपए और ग्रामीण इलाकों में 25 लाख रुपए तक का आवास ऋण दे सकेंगे। योजना के तहत ये ऋण प्राथमिकता वाले सेक्टर की श्रेणी में दिए जाते हैं। पहले यह सीमा क्रमश: 28 लाख रुपए और 20 लाख रुपए थी।
आरबीआई ने कहा है कि आवास ऋण के आंकड़ों के विश्लेषण में यह भी पाया है कि 2 लाख रुपए तक के आवास ऋण में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति का प्रतिशत काफी ज्यादा है और यह तेजी से बढ़ रहा है इसलिए बैंकों को इस राशि तक के आवास ऋण जारी करते समय ग्राहकों की पात्रता आदि की जांच में काफी ध्यान देने की जरूरत है। उसने कहा कि केंद्रीय बैंक स्थिति पर नजदीकी नजर रखे हुए है और यदि जरूरत हुई तो इसके लिए नीतियों में बदलाव कर नियम कड़े भी किए जा सकते हैं। (वार्ता)