अप्रैल में सुस्त पड़ा कारों का निर्यात

रविवार, 15 मई 2016 (12:25 IST)
नई दिल्ली। कारों का निर्यात लगातार 2 महीने की तेज बढ़ोतरी के बाद अप्रैल में एक बार फिर से सुस्त पड़ गया और इसकी निर्यात वृद्धि दर 3 महीने के निचले स्तर 2.27 प्रतिशत पर आ गई। 
 
आलोच्य महीने में देश की शीर्ष 3 यात्री वाहन (कार, उपयोगी वाहन एवं वैन) निर्यातक कंपनियों के निर्यात में पिछले साल अप्रैल की तुलना में गिरावट दर्ज की गई, हालांकि अन्य कंपनियों का निर्यात बढ़ने से देश का कुल कार निर्यात 42,787 से 2.27 प्रतिशत बढ़कर 43,758 पर तथा उपयोगी वाहनों का निर्यात 7,465 से 30.05 फीसदी बढ़कर 9,708 पर पहुंच गया। 
 
इससे पहले नवंबर 2015, दिसंबर 2015 तथा जनवरी 2016 में घटने के बाद फरवरी में कार निर्यात 13.77 प्रतिशत तथा मार्च में 22.06 प्रतिशत बढ़ा था। उपयोगी वाहनों का निर्यात फरवरी में 82.69 प्रतिशत तथा मार्च में 69.09 प्रतिशत बढ़ा था।
 
वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन सियाम के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में देश की सबसे बड़ी कार निर्यातक कंपनी हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड का निर्यात 6.47 प्रतिशत घटकर 12,069 इकाई रह गया। कुल 9,469 वाहनों के निर्यात के साथ मारुति सुजुकी दूसरे नंबर पर रही, हालांकि पिछले साल अप्रैल की तुलना में इसका निर्यात भी 14.22 प्रतिशत गिरा।
 
फॉक्सवैगन का निर्यात 2.48 प्रतिशत घटकर 7,868 इकाई रह गया। चौथे नंबर पर रही निसान मोटर इंडिया का निर्यात 0.84 फीसदी बढ़कर 6,271 इकाई रही। यात्री वाहनों का कुल निर्यात 6.61 प्रतिशत बढ़कर 53,651 पर पहुंच गया।
 
कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के कारण वाणिज्यिक वाहनों तथा तिपहिया वाहनों के निर्यात पर बुरा असर पड़ा है। वाणिज्यिक वाहनों का निर्यात 2.68 प्रतिशत घटकर 6,826 इकाई तथा तिपहिया वाहनों का 61.86 प्रतिशत घटकर 18,135 इकाई रह गया।
 
सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने बताया कि तेल निर्यातक अफ्रीकी तथा लातिन अमेरिकी देशों जैसे नाइजीरिया, अर्जेंटीना तथा मैक्सिको की अर्थव्यवस्था कच्चे तेल के दबाव में सुस्त पड़ी है। इससे इन देशों को होने वाला निर्यात प्रभावित हुआ है, हालांकि उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में पिछले कुछ समय से सुधार आने से अब निकट भविष्य का परिदृश्य सकारात्मक है और इससे निर्यात बढ़ने की उम्मीद है।
 
दुपहिया वाहनों में अप्रैल में स्कूटरों तथा स्कूटी का निर्यात जहां 71.09 प्रतिशत बढ़कर 15,485 पर पहुंच गया, वहीं मोटरसाइकलों का निर्यात 15.28 फीसदी घटकर 1,48,498 इकाई रह गया। दुपहिया वाहनों की श्रेणी में 26.97 प्रतिशत की गिरावट के बावजूद 91,465 इकाई के साथ बजाज ऑटो सबसे बड़ा निर्यातक रहा। उसके बाद टीवीएस मोटर का स्थान रहा जिसका निर्यात 4.82 फीसदी बढ़कर 24,658 पर पहुंच गया। (वार्ता) 

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